Kalashtami Vrat 2022: कालाष्टमी व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. इसमें भगवान शिव के रौद्र रूप बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है. काल भैरव का मतलब होता है काल रूपी भय को हरने वाला. काशी के कोतवाल के रूप में माने जाने वाले बाबा काल भैरव की पूजा का मनोवांछित फल प्राप्त होता है. कालाष्टमी व्रत भगवान शिव के पांचवें अवतार काल भैरव की पूजा का व्रत है. कालाष्टमी को काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान भैरव के भक्त उपवास रखते हैं, और विधि विधान से काल भैरव की पूजा अर्चना करते हैं.


कालाष्टमी तिथि और मुहूर्त


ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का आरंभ 22 मई दोपहर 12:59 से होगा, और कृष्ण पक्ष की अष्टमी का समापन 23 मई सुबह 11:34 पर होगा. कालाष्टमी का व्रत 22 मई को रखा जाएगा और इसका पारण 23 मई को किया जाएगा.


कालाष्टमी व्रत, ज्येष्ठ, कृष्ण अष्टमी



  • कालाष्टमी व्रत: रविवार, 22 मई 2022

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 22 मई दोपहर 12:59 बजे

  • अष्टमी तिथि समाप्त : 23 मई सुबह 11:34 बजे


कालाष्टमी व्रत की पूजा विधि


अष्टमी के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करनी चाहिए. अगर घर पर हैं तो काला आसन बिछाकर उसके ऊपर भगवान शिव की प्रतिमा को रखें, साथ में माता पार्वती और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. विधि विधान से पूजा अर्चना करके आरती करें. समस्त भय को हरने वाले बाबा काल भैरव की कृपा प्राप्त होगी. घर धन-धान्य से परिपूर्ण होगा.



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