Kajari Teej Vrat Katha 2021:  पंचाग के अनुसार, कजरी तीज (kajari teej 2021) का व्रत हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. कजरी तीज का व्रत महिलाओं में अति महत्वपूर्ण है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र, वैवाहिक जीवन और संतान सुख की प्राप्ति की कामना करते हुए माता पार्वती के स्वरूप नीमड़ी माता की विधि-विधान से पूजा अर्चना करती हैं. वहीं कुंवारी कन्याएं कजरी तीज का व्रत अच्छा वर पाने के लिए रखती हैं. 


कजरी तीज व्रत 2021: शुभ मुहूर्त


कजरी तीज का व्रत हर साल भादों मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार, इस बार भादों के कृष्ण की तृतीया तिथि 24 अगस्त की शाम 4:05 से शुरू हो कर 25 अगस्त को शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. उदय तिथि के दिन व्रत रखने के नियमानुसार, कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को रखा जाएगा. 



कजरी तीज व्रत कथा


कजरी तीज व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं. एक पौराणिक कथा के अनुसार, साहूकार के सात बेटों में सबसे छोटा बेटा अपाहिज था और उसे वेश्यालय जाने की बुरी आदत भी थी. वहीं उसकी पत्नी पतिव्रता और आज्ञाकारी नारी थी. वह सदैव पति की सेवा में लगी रहती थी. वह पति के कहने पर उसे कंधे पर बैठकर वेश्यालय तक भी ले जाती. एक बार वह पति को वेश्यालय में अंदर छोड़कर वापस आ रही थी.


तो वह वहीं पास की नदी कपास बैठकर पति के वापस आने का इंतजार करने लगी. तभी मूसलाधार वर्षा हुई और नदी बढ़ने लगी. तभी इस नदी से एक आवाज आई कि ‘आवतारी जावतारी दोना खोल के पी, पिया प्यालरी होय’.  यह सुनते ही उसने देखा कि दूध से भर हुआ एक दोना नदी में तैरता हुआ उसी को ओर आ रहा है. उसने उस दोने के सारा दूध पी लिया. इसके बाद ईश्वर की कृपा से उसका पति वेश्याओं को छोड़ कर उससे प्रेम करने लगा. इसके लिए सहकर की पत्नी नें ईश्वर को खूब आशीर्वाद दिया और नियमपूर्वक कजरी का व्रत पूजन करने लगी.