January 2023 Festival Calendar: जनवरी 2023 से नया साल शुरू हो जाएगा. इस महीन पौष मास की समाप्ति 6 जनवरी 2023 को होगी इसके बाद 7 जनवरी 2023 से माघ माह शुरू हो जाएगा. व्रत-त्योहार की दृष्टि से जनवरी का महीना बहुत खास माना जाता है. इस माह में पौष पुत्रदा एकादशी, मकर संक्रांति, पोंगल, लोहड़ी, गुप्त नवरात्रि, वसंत पंचंमी जैसे बड़े त्योहार आएंगे. आइए जानते हैं जनवरी महीने के सभी व्रत-त्योहार की डेट.


जनवरी 2023 व्रत-त्योहार (January 2023 Vrat Festival list)



  • 02 जनवरी 2023 (सोमवार) - पौष पुत्रदा एकादशी

  • 04 जनवरी 2023 (बुधवार) - प्रदोष व्रत (शुक्ल)

  • 06 जनवरी 2023 (शुक्रवार) - पौष पूर्णिमा व्रत

  • 07 जनवरी 2023 (शनिवरा) - माघ महीना शुरू

  • 10 जनवरी 2023 (मंगलवार) - संकष्टी चतुर्थी

  • 12 जनवरी 2023 (गुरुवार) - स्वामी विवेकानंद जयंती

  • 14 जनवरी 2023 (शनिवार) - लोहड़ी

  • 15 जनवरी 2023 (रविवार) - मकर संक्रांति, सूर्य उत्तरायण, पोंगल, कालाष्टमी

  • 18 जनवरी 2023 (बुधवार) - षटतिला एकादशी व्रत

  • 19 जनवरी 2023 (गुरुवार) - प्रदोष व्रत (कृष्ण)

  • 20 जनवरी 2023 (शुक्रवार) - मासिक शिवरात्रि व्रत

  • 21 जनवरी 2023 (शनिवार) - माघ अमावस्या (मौनी अमावस्या)

  • 22 जनवरी 2023 (रविवार) - माघ गुप्त नवरात्रि शुरू

  • 23 जनवरी 2023 (मंगलवार) - सुभाष चंद्र बोस जयंती

  • 26 जनवरी 2023 (गुरुवार) - बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा

  • 28 जनवरी 2023 (शनिवार) - नर्मदा जयंती, भीष्म अष्टमी, रथ सप्तमी

  • 30 जनवरी 2023 (सोमवार)- माघ गुप्त नवरात्रि समाप्त


मकर संक्रांति 2023


मकर संक्रांति का महत्व साल की 12 संक्रांति में सबसे ज्यादा माना जाता है. ये हिंदूओं का बड़ा त्योहार है. इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाते हैं. मकर संक्रांति पर तीर्थ स्नान, दान और तिल का खास महत्व है.


लोहड़ी 2023


लोहड़ी पंजाबी समुदाय का खास पर्व है. लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई और नई फसल के बुआई से जुड़ा हुआ है. लोहड़ी की अग्नि में तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पित  कर अग्नि देव और सूर्य देव का आभार प्रकट किया जाता है और आने वाली फसल की अच्छी पैदावार की कामना की जाती है.


मौनी अमावस्या 2023


माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन मौन रहने का बड़ा महत्व है. इस दिन मौन रहकर व्रत रखने के पीछे मान्यता है कि इससे साधक अपनी कमियों को समझकर उन्हें दूर करने की कोशिश करता है.


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