Holi 2022 : फाल्गुन माह के शुरू होते ही होली के त्यौहार को मनाने की प्लानिंग शुरुआत हो जाती है. होली का त्यौहार ही एक ऐसा त्यौहार है जो खुद के साथ - साथ दूसरों के भी जीवन में रंग भरने का मौका देता है. होली का त्यौहार आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं इस वर्ष खेलने वाली होली यानि धुलेंडी का त्यौहार 18 मार्च को होगा. तो चलिए जानते हैं होली के दिन किसी रंग के कपड़े पहले से मिलेगा मान सम्मान और प्रत्येक क्षेत्र में सफलता. 

अक्सर देखा जाता है कि होली के दिन लोग सफेद कपड़े पहनकर होली खेलने के लिए निकलते हैं. शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने इस बात पर गौर किया हो कि होली के दिन आखिर क्यों लोग सफेद कपड़े ही पहनते हैं. वैसे होली पर सफेद रंग के कपड़े पहनने के कई कारण होते हैं. तो चलिए आज इसी बात को जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्यों सफेद रंग को ही होली जैसे रंगों भरे त्योहार के लिए चुना गया है.

मन के साथ तन को उजला करने का त्यौहार है होली

होलिका दहन जो कि रंग खेलने वाली होली के दिन पहले मनाई जाती है. इस दिन उबटन इत्यादि लगाकर होलिका में प्रवाहित करने का प्रावधान है. यह इसलिए होता है कि होली में मन से बुरे विचारों को निकालकर और शरीर से मैल रूपी बुरी चीजों को निकाल दिया जाए. इस दिन लोगों के मन के साथ तन भी उजला हो जाता है और यदि इसके साथ दूसरे दिन सफेद वस्त्र धारण करके होली खेली जाए तो उसमें पड़ने वाला रंग सकारात्मक और रंग-बिरंगा ही दिखेगा. इसलिए भी होली के दिन सफेद रंग के कपड़े पहनकर होली खेलना शुभ माना जाता है.

सफेद रंग है भाईचारे और सुख-समृद्धि का प्रतीकसफेद रंग हमें लड़ाई-झगड़े भूलकर अपनों को फिर से गले लगाना सिखाता है सफेद रंग को शांति, सुख-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं. यह रंग हमारे दिमाग को शांत रखता है. लोग होली के दिन सफेद रंग पहनकर प्यार, भाईचारे और मानवता को दर्शाते हैं. इस दिन सफेद रंग पहनने से मन शांत रहता है. जिन लोगों को बात-बात में क्रोध आ जाता है उन्हें विशेषकर इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए.

अच्छाई की जीत मनाने के लिए सफेद रंग पहनना शुभसफेद रंग निष्पक्षता और अच्छाई का प्रतीक होता है. रंग वाली होली खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और होलिका दहन की कहानी हम सभी अच्छी तरह जानते हैं. ऐसे में त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव भी कहा जाता है. इसलिए इस दिन भी य़दि सफेद कपड़े पहनकर होलिका जलाई जाए तो समाज में आपके स्वभाव को पसंद किया जाता है. 

ग्रहों की नकारात्मकता को कम करने से सफेद रंग कारगरहोली के आठ दिन पहले से ही होलाष्टक लग जाता है. इस दौरान सभी मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं क्योंकि इस समय वातावरण में ग्रहों में नकारात्मकता बढ़ी हुई होती है. जिसको कम करने के लिए यदि सफेद रंग के वस्त्रों का प्रयोग किया जाए तो ग्रहों का नकारात्मक असर कम करने में मदद मिलती है और बिगड़े काम भी बनते हैं.

सफेद रंग देता है सूर्य की गर्मी से निजातहोली का त्योहार उस समय आता है जब ठंडक जा रही होती है और मौसम में थोड़ी गर्माहट की शुरुआत हो जाती है. सूर्य की धूप तेज होने लगती है. लोग तेज धूप की वजह से पहले ही परेशान होते हैं. ऐसे में सफेद रंग हमें ठंडक पहुंचाता है. इसे पहनकर आप कड़कती धूप में आसानी से बाहर निकल सकते हैं.

घुल-मिलकर रहना सिखाता है सफेद रंगसफेद एक ऐसा रंग है जिस पर हर कलर खिलकर आता है. अब रंगों के इस त्योहार में सफेद से बेहतर और क्या हो सकता है. यह रंग हमें भी दूसरों के साथ घुल-मिलकर रहना सिखाता है. युवाओं को भी सफेद रंग काफी पसंद आता है. यह आपको एक क्लासी लुक भी देता है. जिससे लोगों के बीच आपका प्रभाव बढ़ता है. सफेद रंग पहनने से यश और कीर्ति भी बढ़ती है.

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