Hindu Calendar 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हर साल चैत्र माह से होती है. ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी  इसलिए इस तिथि को नव संवत्सर के रूप में मनाया जाता है. जैसे अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत जनवरी और अंत 12वें महीने दिसंबर में होता है वैसे ही हिंदू कैलेंडर में भी साल के 12 महीने होते हैं. आइए जानते हैं हिंदू कैलेंडर के 12 महीनों के नाम और उनके महत्व.


हिंदू कैलेंडर के 12 महीनों के नाम (Hindu Calendar 12 Months Name)



  1. चैत्र मास (Chaitra)

  2. वैशाख मास (Vaisakha)

  3. ज्येष्ठ मास (Jyaistha)

  4. आषाढ़ मास (Asadha)

  5. श्रावण मास (Shravan)

  6. भाद्रपद मास (Bhadra)

  7. आश्विन मास (Ashwin)

  8. कार्तिक मास (Kartika)

  9. मार्गशीर्ष मास (Margasirsa /Agrahayana)

  10. पौष मास (Pausha)

  11. माघ मास (Magha)

  12. 12.फाल्गुन मास (Phalguna)


चैत्र माह 2023 - (22 मार्च 2023 - 6 अप्रैल 2023)


हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने से हिंदू नव वर्ष का आरंभ होता है. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. चैत्र मास की पूर्णिमा, चित्रा नक्षत्र में होती है इसी कारण इसका महीने का नाम चैत्र पड़ा. चैत्र महीने में हनुमान जयंती, राम नवमी, पापमोचिनी एकादशी, शीतलाष्टमी का व्रत किया जाता है.


वैशाख माह 2023 - (7 अप्रैल 2023 - 5 मई 2023)


विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के चलते इस महीने को वैशाख कहा जाता है.विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति और देवता इंद्र है. ऐसे में इस पूरे महीने में स्नान-दान, व्रत और पूजा से अक्षय पुण्य मिलता है. वैशाख के महीने में भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती, अक्षय तृतीया, मोहिनी एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है.


ज्येष्ठ माह 2023 -  6 मई 2023 - 4 जून 2023


ज्येष्ठ में गर्मी चरम पर रहती है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. ऐसे में ज्येष्ठ माह में जल का महत्व बहुत अधिक माना है और जल से जुड़े व्रत और त्यौहार इसी महीने में मनाए जाते हैं. जैसे वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी पौराणिक कथानुसार इसी माह में भगवान राम अपने परमभक्त हनुमान जी से मिले थे. इस दिन को बड़ा मंगलवार व्रत कहा जाता है.


आषाढ़ माह 2023 -  5 जून 2023 - 3 जुलाई 2023


आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है. इस महीने में जप, तप, पूजा उपासना और स्नान दान का बड़ा ही महत्व है.आषाढ़ मास का नाम पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र ऊपर रखा गया है. आषाढ़ माह में जगन्नाथ पूरी यात्रा, गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी का व्रत-त्योहार महत्वपूर्ण होते हैं. दे‌वशयनी एकादशी से चतुर्मास की शुरुआत हो जाती है. जिसमें श्रीहरि क्षीर निद्रा में होते हैं.


सावन माह 2023 - 4 जुलाई 2023 - 31 अगस्त 2023


सावन (श्रावण) का पूरा महीना शिव जी की उपासना के लिए उत्तम माना गया है. इस महीने पूर्णिमा पर चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होते हैं इसलिए इसका नाम श्रावण रखा गया. इस साल अधिक माह होने से सावन 60 दिन का होगा. सावन सोमवार पर शिव और सावन के हर मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है. सावन में शिव परिवार की पूजा से साधक को कभी कष्ट नहीं झेलने पड़ते. हरियाली तीज, रक्षाबंधन, नाग पंचमी सावन में आते हैं


भाद्रपद माह 2023 - 1 सितंबर 2023 - 29 सितंबर 2023


इस महीने की पूर्णिमा पर आकाश में पूर्वा या उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का योग बनने से इस माह का नाम भाद्रपद है. भादपद माह में गणपति और श्रीकृष्ण की उपासना से सुख, धन, संपदा मिलती है. भाद्रपद माह के मुख्य व्रत-त्योहार हैं कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, कजरी तीज, अनंत चतुर्दशी.


अश्विन माह 2023 - 30 सितंबर 2023 - 28 अक्टूबर 2023


आश्विन महीने शक्ति की देवी दुर्गा मां को समर्पित है. इसमें शारदीय नवरात्रि, विजयदशमी, जीवित्पुत्रिका व्रत, इंदिरा एकादशी, जैसे महत्वपूर्ण त्योहार इसी महीने में आते हैं. अश्विन माह में ही पितृ पक्ष होते हैं जिसमें पितरों की शांति के लिए 16 श्राद्ध किए जाते हैं.


कार्तिक माह 2023 - 29 अक्टूबर 2023 - 27 नवंबर 2023


कार्तिक माह में मां लक्ष्मी और विष्णु जी की खास पूजा की जाती है. कार्तिक महीने में स्नान का विशेष महत्व है. कहते हैं इससे व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं. कार्तिक माह में दिवाली, भाई दूज, धनतेरस, देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह, देव दिवाली मनाई जाती है.


मार्गशीर्ष माह 2023 - 28 नवंबर 2023 - 26 दिसंबर 2023


भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मार्गशीर्ष माह को उनके समान ही समझना चाहिए. इसलिए इस महीने में श्रीकृष्ण की उपासना से हर कार्य में सफलता मिलती है. काल भैरव जयंती, उत्पन्ना एकादशी, गीता जयंती, इस माह में ही मनाए जाते हैं.


पौष माह 2023 - 27 दिसंबर 2023 - 25 जनवरी 2024


पौष मास में पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है इसीलिए इस मास को पौष मास कहते हैं. ये महीना सूर्य की उपासना के लिए समर्पित है. इसे छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है.  पौष महीने के प्रमुख व्रत-त्योहार सफला एकादशी, गुरु गोविंद सिंह जयंती आते हैं.


माघ माह 2024 - 26 जनवरी 2024 - 24 फरवरी 2024


माघ महीने में संगम पर कल्पवास करने से व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होता है. माघ महीने में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है. इसमें सूर्य, गंगा और विष्णु जी की पूजा की जाती है. मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, सकट चौथ, गुप्त नवरात्रि का व्रत किया जाता है.


फाल्गुन माह 2024 - 25 फरवरी 2024 - 25 मार्च 2024


ये हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना होता है. इस माह में श्रीकृष्ण और शिव को समर्पित है. इसमें महाशिवरात्रि, होली, फुलैरा दूज का त्योहार मनाया जाता है.


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