Hast Rekha : शरीर की बनावट और कुंडली में आपके ग्रहों की स्थिति का आपस में गहरा संबंध है. शरीर कुंडली में ग्रहों की मजबूत और कमजोर स्थिति का प्रदर्शन करता है. जिसके आधार पर आपके बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है. अपने गुणों एवं प्रतिभा को जानकर उसका सही समय पर प्रदर्शन करते हुए लाभ कमा सकते हैं यानी छा सकते हैं. 


-शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट, आदत और सोच को आधार बनाकर हमारे व्यक्तित्व और जीवन का आकलन करती. हमारे ऋषियों के पहले से प्रतिपादित सिद्धांतों को ही पुष्टि करती हैं. 


-अंगों की बनावट, लक्षण आदि सभी सामुद्रिक शास्त्र के आधीन हैं. जिसके विषय में बहुत विस्तृत रूप में भारतीय ग्रंथों में मिलता है. 


यदि अनामिका उंगली लंबी हो तो व्यक्ति धनी व मेहनती होंगे. ऐसे व्यक्ति महत्वाकांक्षी होते हैं. लाभ के लिए सदैव एक्टिव रहते हैं.  


हाथों की उंगलियां शरीर की लंबाई की अपेक्षा छोटी हो तो व्यक्ति के स्वभाव में धैर्य नहीं होता है.  


-पतली, छोटी व सुंदर उंगलियों वाले बुद्धि के धनी होते हैं. बौद्धिक कार्य करते हैं, पत्रकार, लेखक, शिक्षक एवं कला क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं. 


-मोटी, सख्त उंगलियां इसके विपरीत फल देती हैं. यानी इस तरह के व्यक्ति शारीरिक श्रम करने में मजबूत होते हैं. फौज, पुलिस आदि सैन्य विभागों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं.  


-उंगलियों के साथ हथेली भी बहुत महत्वपूर्ण होती है. यानी आपकी हथेली और उंगलियां कोमल हैं. तो कल्पनाशील और भावुक व्यक्ति हैं. आप कार्य करने में ज्यादा चिन्तन करते रहते हैं.


-अपने बारे में ही सोचने वाले लोगों का अंगूठा प्राय मोटा और भद्दा होता है. ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. 


-लंबा तथा ऊपरी सिरे पर पीछे की ओर थोड़ा सा झुका हुआ अंगूठा दृढ़ निश्चय, उच्च महत्वाकांक्षा एवं व्यवहारिकता का संकेत  देता है. ऐसे लोग अपनी बात को पूरे जोर तरीके से रखते हैं. तथा इनकी तर्क क्षमता अच्छी होती है. लचीले अंगूठे वाले विनम्र होते हैं. 


-अनामिका का तर्जनी उंगली से बड़ा होना अलग सोच, महत्वाकांक्षा, असीम ऊर्जा तथा साहस का संकेत है. तर्जनी से लंबी अनामिका व्यक्ति को बहुत नामचीन भी बनाती है. इसके साथ कनिष्टा अनामिका के प्रथम पोर तक आनी चाहिए. जितने भी नामचीन, धनी व कला क्षेत्र में विश्व विख्यात हुए हैं उनमें यह पाया गया है. 


-लंबा अंगूठा किसी भी साधारण व्यक्ति को विशिष्ट भी बनाता है. जिस व्यक्ति के नीचे का पोर और ऊपर का पोर बराबर हो ऐसे व्यक्ति की प्रसिद्धि का सूर्य कभी अस्त नहीं होता. खिलाड़ियों के अंगूठे अधिकांश ऐसे पाए जाते हैं.  


-बच्चे की परवरिश करने में यह शास्त्र बहुत ही कारगर साबित हो रहा है. अंगों हाव- भाव की समझ बच्चों की परवरिश में बहुत काम आती है. कोमल हाथ वाले लड़के बेहद भावुक एवं कल्पनाशील होते हैं और उनकी एकाग्रता कमजोर होती है. वे डांटने या धमकाने से टूट सकते हैं पर यदि उन्हें विश्वास में लेकर उत्साहवर्धक करते हुए कुछ भी कहा जाए, तो बहुत मेहनत से अपना काम कर दिखाते हैं. सख्त हाथों वाली लड़कियां काफी निर्भीक होती हैं एवं उनमें सलाह को मानने की आदत का अभाव होता है. इन पर यदि अधिक गुस्सा किया जाए तो यह विद्रोह तक कर देते हैं. 


-जिन बच्चों की अंगूठे की जड़ अंगूठे के ऊपरी हिस्सों से पतली होती है, उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. तथा जिनके अंगूठे की जड़ अंगूठे के ऊपरी हिस्से के बराबर होती है, उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है. यदि बच्चों की अंगुलियां गांठदार हैं तो बच्चों की तकनीकी समझ अच्छी होगी. तथा उनकी रुचि इंजीनियर तथा मेडिकल क्षेत्र में ज्यादा होगी, जबकि जिन बच्चों की उंगलियों का निचला सिरा मोटा और ऊपरी सिरा नुकीला होता है उनकी सामाजिक विषयों और साहित्य में विशेष दिलचस्पी होती है.


-भारती य सामुद्रिक शास्त्र को यदि हम लोग समझ लें तो अपने जीवन में सकारात्मक सुधार ला सकते हैं. आपकी उंगलियां, आपका चेहरा, आपकी प्रवृत्ति का संकेत देता है.


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