Hariyali Amavasya 2022 date, Shubh Muhurt:  हिंदू धर्म में सभी अमावस्या के महत्व होता है. परन्तु सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है. ऐसे में सावन माह की अमावस्या का महत्त्व (Importance of Amavasya) और बढ़ जाता है. सावन अमावस्या (Sawan Amavasya 2022) को हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) कहते हैं. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) पर्यावरण के महत्व को भी दर्शाता है. सावन माह (Sawan Month) की इस तिथि पौधा लगाना शुभ माना गया है. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) के दिन कृषि उपकरणों की भी पूजा की जाती है. ये पर्व कृषि के महत्व को भी बताता है. हिन्दू धर्म में सावन का पूरा महीना पूजा पाठ के लिए उत्तम माना गया है. श्रावण के पूरे माह में भगवान शिव जी की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस माह में भक्त के ऊपर भगवान शिव की कृपा बरसती है.


हरियाली अमावस्या कब? (Hariyali Amavasya 2022)


हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल सावन मास की अमावस्या (Sawan Amavasya 2022) को हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) मनाई जाती है. इस साल हरियाली अमावस्या 28 जुलाई 2022 को होगी. पंचांग के अनुसार सावन की अमावस्या तिथि 27 जुलाई, बुधवार को रात 9 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी. वहीँ यह तिथि 28 जुलाई, गुरुवार को रात 11 बजकर 24 मिनट तक मान्य होगी. ऐसे में उदया तिथि को मान्य करते हुए हरियाली अमास्या का व्रत 28 जुलाई को रखा जाएगा.


हरियाली अमावस्या का महत्व (Hariyali Amavasya Importance)


हरियाली अमावस्या के दिन को पिंडदान और तर्पण के लिए अच्छा माना गया है. हरियाली अमावस्या का पर्व हमारे जीवन में पेड-पौधों के महत्व को बताता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पेड़-पौधा लगाना उत्तम होता है. कहा जाता है. इस दिन पेड़ पौधों को लगाने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं. पेड़ पौधों के चलते वर्षा अधिक होती है. पर्यावरण स्वच्छ और साफ़ होता है.



 


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