सनातन धर्म में पेड़ों का बहुत ही महत्व है. इसके महत्व का अनुमान पेड़ों की पूजा से सहज ही लगाया जा सकता है. इसमें दैवीय गुण विद्दमान होते हैं. इन्हीं वृक्षों में से एक गूलर का वृक्ष है जिसका संबंध शुक्र ग्रह से होता है. मान्यता है कि यदि गूलर के वृक्ष में नियमित रूप से जल चढ़ाया जाए या इसके नीचे दीपक जलाकर रखा जाए तो आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है और धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं. जानिए गूलर के वृक्ष से जुड़ी तमाम बातें.

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दूर होगी गरीबी और भौतिक सुखों की होगी प्राप्ति

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र ग्रह को विलासिता का सुख देने वाला ग्रह माना जाता है. जो लोग गरीबी की समस्या से जूझ रहें होते हैं अक्सर शुक्र ग्रह उनकी कुंडली में कमजोर स्थिति में रहते हैं. इस लिए उनपर शुक्र की अशुभ छाया बनी रहती है, जिसके कारण वे गरीबी झेलते रहते हैं.  

शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव को खत्म करने के लिए शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले शुक्रवार को गूलर का वृक्ष लगाकर उसमें नियमित रूप से जल देना चाहिए. जैसे जैसे गूलर का वृक्ष वृद्धि करेगा वैसे-वैसे आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.  

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प्रेम विवाह के लिए

यदि आपके प्रेम विवाह चाहते हैं या कोई भूमि खरीदना चाहते हैं परन्तु काम नहीं बन रहा है तो  शुक्ल पक्ष में शुक्रवार के दिन गूलर की जड़ लाकर उस पर गंगाजल छिड़क दें. इसके बाद मन में  अपनी कामना को कहकर इसे चांदी की ताबीज में पहन लें. जल्द ही इसका परिणाम दिखाई देने लगेगा.