Vighnaharta Shree Ganesha: पंचांग के अनुसार 7 अप्रैल बुधवार को चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी की तिथि को पापमोचनी एकादशी भी कहा जाता है. पापमोचनी एकादशी का व्रत विशेष फलदायी माना गया है. महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्टिर को एकादशी व्रत के महत्व और पुण्य के बारे में बताया था. जिसके बाद युधिष्ठिर ने विधि पूर्वक इस व्रत को किया था.


इस बार बुधवार के दिन एकादशी की तिथि पड़ रही है. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. बुधवार को पूजा करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को अपना आर्शीवाद प्रदान करते हैं. इस बार गणेश पूजा का विशेष योग बन रहा है.


'साध्य' योग में करें गणेश जी की पूजा
पंचांग के अनुसार 7 अप्रैल को एकादशी की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा. धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह को माना गया है. चंद्रमा इस दिन शनि की राशि मकर में विराजमान रहेंगे. इसके साथ ही इस दिन साध्य योग का निर्माण हो रहा है.


नई विद्या सीखने के लिए उत्तम दिन है
साध्य योग के बारे में बताया गया है कि यह योग नई विद्या को सीखने के लिए उत्तम है. वहीं यदि कोई नया कार्य आरंभ करने जा रहे हैं तो भी यह योग शुभ माना गया है. इस योग में नई विद्या सीखने और नया कार्य आरंभ करने में सफलता प्राप्त होती है. गणेश जी को प्रथम देवता माना गया है. कोई भी नया कार्य आरंभ करते हैं तो गणेश जी की स्तुति करते हैं. गणेश जी को विद्या का दाता भी माना गया है.
7 अप्रैल का पंचांग
मास: चैत्र
दिन: बुधवार
तिथि: एकादशी - 26:30:47 तक
पक्ष: कृष्ण
नक्षत्र: धनिष्ठा - 27:33:09 तक
चंद्रमा: मकर - 15:00:37 तक
योग:  साघ्य - 14:28:05 तक
राहु काल: 12:23:38 से 13:58:16 तक


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