Diwali 2025 Live: देशभर में आज दिवाली की धूम, लक्ष्मी गणेश पूजन के लिए 1 घंटे का शुभ समय, जानिए आरती, मंत्र और पूजा विधि
Diwali 2025 Laxmi Puja Live: दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाएगी. यहां जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, मंत्र, विधि, उपाय, आरती से जुड़ी समस्य जानकारी.
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Diwali 2025 Puja Live: दिवाली हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में एक माना जाता है, जिसका विशेष धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है. हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली...More
दिवाली हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी अहम हिस्सा है. यह पर्व प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश देता है, जो देश की प्रगति और खुशहाली के लिए जरूरी है.
दिवाली में शमी के पेड़ का विशेष महत्व है. पुराणों में कहा गया है कि श्रीराम ने शमी के पेड़ का अनुष्ठान कर लंकापति रावण से युद्ध किया था और वे विजयी हुए थे. इसलिए आज शमी के पेड़ के पास जरूर दीपक जलाना चाहिए.
दिवाली केवल दीप जलाने या उत्सव मनाने का पर्व नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है. शास्त्रों में इसे तमस से ज्योति की ओर ले जाने वाला पर्व कहा गया है अर्थात् अज्ञान से ज्ञान की ओर यात्रा.
दिवाली केवल दीप जलाने या उत्सव मनाने का पर्व नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है. शास्त्रों में इसे तमस से ज्योति की ओर ले जाने वाला पर्व कहा गया है अर्थात् अज्ञान से ज्ञान की ओर यात्रा.
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
आज दिवाली की रात घर में अंधेरा नहीं रखें. आज घर में माता लक्ष्मी वास कर रही हैं. पूरे श्रद्धा से भक्त पूजा पाठ करते है. इसलिए घर के हर कोने में और हर कमरे में दीपक जलाएं.
दिवाली की रात भूलकर भी शराब, धूम्रपान या किसी भी नशीली चीज का सेवन नहीं करें. आज की रात आपके घर में माता लक्ष्मी आती है. इसलिए आज घरेलू विवाद झगड़ा भी नहीं करें.
दीपावली पर आप अपनी इच्छा के अनुसार दीपक जला सकते है. लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कम से कम पांच दीपक जरूर जलाने चाहिए. हालांकि आप 5, 11, 21, 51, 101 इस क्रम में आप अनंत दीपक जला सकते हैं.
दिवाली की पूजा में आप इच्छा अनुसार घी या तेल का दीपक जला सकते हैं. मां लक्ष्मी की पूजा के लिए घी का दीपक जलाना शुभ है. मान्यता है कि घर के बाहर दरवाजों पर तिल के तेल का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
अभी पूरे भारत में दिवाली हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, राम दरबार और कुबेर देवता की पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. मान्यता है जो कोई दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करता है उसके घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है.
ज्योतिषियों की मानें तो आज दिवाली के दिन हंस महापुरुष राजयोग का निर्माण हो रहा है, जो इस दिवाली को और भी शुभ और फलदायी बना रहा है.
यह योग दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ हो गया है. यह 21 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगी. ज्योतिष गणना के अनुसार आज व्यापिनी अमावस्या का संयोग बन रहा है.
दिवाली के दिन लक्ष्मी की कृपा के लिए घर की साफ-सफाई करें, मुख्य दरवाजे पर हल्दी और सिंदूर से शुभ चिन्ह बनाएं. तुलसी और दीपक जलाएं. मां लक्ष्मी को खीर, माखन-मिश्री अर्पित करें. जरूरतमंदों को दान करें. शुभ मुहूर्त में दीप प्रज्वलित करें और लक्ष्मी मंत्र का जाप करें.
मेष (Aries)
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
वृषभ (Taurus)
ॐ क्लीं श्रीं ह्रीं लक्ष्मीभ्यै नमः
मिथुन (Gemini)
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कमललक्ष्म्यै नमः
कर्क (Cancer)
ॐ श्रीं क्लीं ह्रीं अन्नपूर्णायै नमः
सिंह (Leo)
ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं धनलक्ष्म्यै नमः
कन्या (Virgo)
ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं पद्मलक्ष्म्यै नमः
तुला (Libra)
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं लक्ष्मी नारायणाय नमः
वृश्चिक (Scorpio)
ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं महासिद्धि लक्ष्म्यै नमः
धनु (Sagittarius)
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्व लक्ष्म्यै नमः
मकर (Capricorn)
ॐ श्रीं क्लीं ह्रीं कुबेराय नमः
कुंभ (Aquarius)
ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं वाणी लक्ष्म्यै नमः
मीन (Pisces)
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चंद्र लक्ष्म्यै नमः
लक्ष्मी पूजन के दौरान कुछ गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए. लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते समय दरवाजे बंद नहीं करें. किसी भी तरह का झगड़ा, तकरार या शोरगुल करने से बचें. इसके अलावा पूजा-पाठ में पवित्रता बनाए रखें.
| शहर मुहूर्त | (शाम) |
| दिल्ली (New Delhi) | 07:08 PM – 08:18 PM |
| मुंबई (Mumbai) | 07:41 PM – 08:41 PM |
| बेंगलुरु (Bengaluru) | 07:31 PM – 08:25 PM |
| हैदराबाद (Hyderabad) | 07:21 PM – 08:19 PM |
| जयपुर (Jaipur) | 07:17 PM – 08:25 PM |
दिवाली की शाम लक्ष्मी पूजा करने के लिए दो शुभ मुहूर्त है.
अवधि- 1 घंटे 11 मिनट
प्रदोष काल- 05:46 से 08:18 तक
वृषभ काल- 07:08 से 09 :03 तक
खीर (दूध और चावल की बनी)
माखन-मिश्री या सफेद मिठाई
पंजीरी या बेसन के लड्डू
कमल गट्टे (मखाना) की खीर
श्रीफल (नारियल)
मुख्य द्वार पर ताकि लक्ष्मी का प्रवेश हो.
तिजोरी या कैश बॉक्स के पास धन स्थायित्व के लिए.
किचन में अन्नपूर्णा देवी का आशीर्वाद पाने के लिए.
तुलसी के पास परिवार की समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए.
घर की छत या खिड़की पर पितरों और देवी-देवताओं के मार्गदर्शन हेतु.
तारीख: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
तिथि: कार्तिक अमावस्या
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: संध्या 05:43 बजे से 07:42 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त (वैकल्पिक शुभ समय): दोपहर 11:44 से 12:30 तक
निशीथ काल लक्ष्मी पूजन (गुप्त साधना या तंत्र पूजन के लिए): रात 11:53 बजे से 12:43 बजे तक
दिवाली के दिन अगर कोई रत्न धारण करना ही है तो आप पुखराज (Yellow Sapphire), हीरा या ओपल या माणिक (Ruby) धारण कर सकते हैं. ये तीनों ही रत्न धन, सौभाग्य और आत्मबल को बढ़ाने का काम करते हैं.
दिवाली के मौके पर छत्तीसगढ़ स्थित रायपुर के बाजारों में खरीदारों की भारी भीड़ देखने को मिली. लोग इस दौरान फूलों की मालाएं खरीदते नजर आए.
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन की शुरुआत सुबह स्नान कर साफ और शुभ वस्त्र पहनने से की जाती है. इसके बाद पूजा स्थान को गंगाजल से पवित्र करें. फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियाँ स्थापित करें.
उसके बाद कलश की स्थापना करें और मूर्तियों को पंचामृत तथा स्वच्छ जल से स्नान कराएं. पूजन के दौरान माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें. इसके पश्चात गणेश जी और लक्ष्मी जी को उनके प्रिय भोग लगाएँ. अंत में दीप प्रज्वलित कर मंत्रों का जाप करें और आरती उतारकर पूजा को पूर्ण करें.
वैदिक पंचांग के अनुसार, दीपावली 2025 में गणेश-लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक निर्धारित है. इस वर्ष पूजन का कुल अवधि लगभग 1 घंटा 11 मिनट की होगी.
अपराह्न मुहूर्त – दोपहर 03:44 PM से 05:46 PM तक
सायाह्न मुहूर्त – शाम 05:46 PM से 07:21 PM तक
रात्रि मुहूर्त – रात 10:31 PM से 12:06 AM तक
उषाकाल मुहूर्त – तड़के सुबह 01:41 AM से 06:26 AM तक
लक्ष्मी पूजा में कौड़ियों को रखना एक पारंपरिक और शुभ माना जाने वाला कार्य है. इन्हें मां लक्ष्मी का प्रतीक समझा जाता है, क्योंकि दोनों का संबंध समुद्र से है. इस वजह से दीपावली के दिन पूजा में कौड़ियों को शामिल करना समृद्धि और सौभाग्य का संकेत माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे घर में धन और सुख की वृद्धि होती है.
- लक्ष्मी पूजन का शुभ समय (प्रदोष काल): शाम 5:46 मिनट से रात 8:18 मिनट तक.
- वृषभ काल: शाम 7:08 मिनट से रात 9:03 मिनट तक.
- विशेष: वृषभ काल में पूजन करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है.
‘ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये, वरवरद सर्वजनं में वशमानाय स्वाहा।’
‘ॐ ह्रीं ग्रीं ह्रीं।’
‘ॐ गं गणपतये नम:।’
‘ॐ वक्रतुण्डाय हुं।’
‘ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपतये वरवरद सर्वजन हृदयं स्तम्भय स्तम्भय स्वाहा।’
‘ॐ गणेशं ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नम: फट्।’
- सुबह जल्दी उठें और स्नान कर लें.
- पूजा स्थल को साफ करें ताकि स्थान पवित्र हो जाए.
- चौकी पर साफ वस्त्र बिछाएं, लाल या पीले रंग का वस्त्र सबसे शुभ माना जाता है.
- ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में कलश स्थापित करें, क्योंकि यह दिशा देवताओं की मानी जाती है.
- कलश में डालें – गंगाजल, स्वच्छ पानी, पंच पल्लव (पाँच पत्ते), और सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज).
- कलश के ऊपर रक्षा सूत्र (मौली) बाँधें और उसके ऊपर नारियल स्थापित करें.
- अब गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा प्रारंभ करें.
- गणेश जी का पूजन करें, उन्हें टीका लगाएं, दूर्वा चढ़ाएँ, मोदक, फल, गंध, धूप, दीप, जनेऊ, पान, सुपारी आदि अर्पित करें.
मंत्र उच्चारण करें — “ॐ गं गणपतये नमः”. - इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें, पुष्प, कमलगट्टा, अक्षत (चावल), कुमकुम, कौड़ी, शंख, धूप, दीप, वस्त्र, फल, सफेद मिठाई, खील, बताशे आदि अर्पित करें.
- फिर अन्य देवी-देवताओं का भी पूजन करें.
- पूजा के बाद श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें.
- इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि आती है.
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥
कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥
ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥
पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥
पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥
रूप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥
॥ दोहा॥
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास। जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर। मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥
दिवाली के मौके पर दिल्ली पुलिस द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. बंगाली मार्केट में पुलिसवाले कार की चेकिंग करते हुए, देखे वीडियो-
दिवाली के मौके पर एस्ट्रोलॉजर अरुण कुमार व्यास ने नवज्योति से जुड़ा एक उपाय बताया, जो आपके नौ ग्रहों के दोषों को ठीक कर सकता है. उन्होंने बताया कि, 20 अक्टूबर की रात 9 बजकर 9 मिनट पर नवज्योति का दीया जलाएं, जिसके अंदर नौ बाती हो.
9 दिशाओं से जब दीया जलेगा तो आपके नौ ग्रहों की ऊर्जा का संचार आपके घर में पॉजिटिव रूप में देखने को मिलेगा. दिवाली के मौके पर अपने ग्रह दोषों को सही करने का यह एक बेहद शानदार मौका है.
दिवाली के मौके पर अपने घर के मुख्य द्वारा पर तोरण जरूर लगाएं. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दिवाली या शुभ अवसर पर घर को हमेशा फूलों और पत्तियों से सजाना चाहिए, क्योंकि ये बनावटी न होकर असल में खुबसूरत लगते हैं. इस दिवाली अपने घर के मुख्य द्वारा पर किस पत्ते का तोरण लगाएं और कितनी संख्या में लगाएं? इसे जानने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें.
दिवाली पर 1-2 नहीं इन 3 पत्तों का लगाएं तोरण, मां लक्ष्मी जरूर आएंगी आपके द्वार
दिवाली के मौके पर कई लोग व्रत भी रखते हैं. हालांकि जो लोग आज के दिन व्रत रखते हैं, उन्हें दिवाली से जुड़ी व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए. व्रत कथा सुनने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें-
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय, ओम गं गणपतये नमः
कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिवाली के मौके पर पुरानी दिल्ली की सबसे मशहूर और ऐतिहासिक घंटेवाला मिठाई की दुकान पर पहुंचे, जहां उन्होंने इमरती और बेसन के लड्डू बनाने में हाथ आजमाया. आप भी देखिए वीडियो-
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिवाली के मौके पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को शुभकामनाएं दी हैं. एक्स पर उन्होंने कैप्शन लिखा कि, "दीपावली के शुभ अवसर पर मैं, भारत और विदेश में रह रहे सभी भारतीयों को बधाई और शुभकामनाएं देती हूं." देखें पोस्ट-
दिवाली की शाम को लक्ष्मी पूजन करने के लिए आपके पास जरूरी सामग्री जरूर होनी चाहिए. आइए जानते हैं. लक्ष्मी-गणेश पूजन में क्या-क्या समाग्री का इस्तेमाल किया जाता है?
दीया, मोमबत्तियां, गेंदे, कमल और गुलाब का फूल, तुलसी के पत्ते, कुमकुम और हल्दी, अक्षत, सिंदूर, रोली, चंदन, मिठाई, खील, फल, मीठी खीर, धूप-अगरबत्ती, गंगाजल, सोने और चांदी के सिक्के, मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा, आसन के लिए लाल कपड़ा, आरती की थाली, बेलपत्र, शंख, हल्दी की गांठ, गुंजाफल, रुद्राक्ष आदि.
दिवाली के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में सफाई कर्मचारियों के परिवारों से स्नेहपूर्वक भेंट कर फल एवं मिठाईयों का वितरण किया. आप भी देखिए तस्वीरें-
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा के लिए आज सबसे शुभ मुहूर्त रात को 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक है. ज्योतिषीय नजरिए से दिवाली की रात में पूजा करने के लिए 1 घंटे 11 मिनट का यह मुहूर्त काफी शुभ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर्व को सेना के साथ मनाया. अपने ट्विटर हेंडल से उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा कि, "लोग अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना पसंद करते हैं. और मैं भी, इसीलिए हर साल मैं अपने देश की सुरक्षा में लगे सेना और सुरक्षाकर्मियों से मिलता हूँ. गोवा और कारवार के पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के जहाजों पर सवार हमारे बहादुर नौसैनिकों के बीच आईएनएस विक्रांत के प्रमुख जहाज पर उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है." देखें फोटे-
दिवाली के दिन हंस महापुरुष राजयोग बन रहा है. गुरु ग्रह (बृहस्पति) अपनी उच्च राशि कर्क में स्थित है, जिससे यह योग बना है. गुरु का यह संयोग बेहद शुभ माना जाता है. यह योग व्यक्ति के जीवन में वैभव, बुद्धि, सम्मान और समृद्धि लाने वाला होता है.
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः
ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा
ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पदः
केसर का खीर
खील का भोग
सिंघाडे का भोग
नारियल, ईख, अनार,
मिठाई, लड्डू
पान और मखाना
गणेश-लक्ष्मी पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त - शाम 07:08 से लेकर 08:18 बजे तक
प्रदोष काल की पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 05:46 से लेकर रात्रि 08:18 बजे तक
वृषभ काल की पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 07:08 से लेकर रात्रि 09:03 बजे तक
शाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक का समय लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तम है.
आज 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर अमावस्या तिथि लग जाएगी और अगले दिन यानी 21 अक्टूबर शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी.
दीपावली के दिन घर में या आस-पास छिपकली, छछूंदर या काली चींटियों का दिखाई देना भी शुभ माना गया है. यह संकेत होता है कि धन की देवी लक्ष्मी आपसे प्रसन्न हैं और आपके घर धन-वृद्धि होने वाली है.
दिवाली पूजा के लिए मां लक्ष्मी और गणेश जी की एक साथ वाली जुड़ी हुई मूर्ति नहीं खरीदनी चाहिए. दिवाली पूजा के बाद घर में रखने के लिए लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा अलग-अलग होनी चाहिए. आप अलग-अलग मूर्ति लाकर एक साथ पूजा कर सकते है.
यह साल 2025 (2+0+2+5=9) और अंक 9 दोनों ही मंगल का है. इसके अलावा 9 बजकर 9 मिनट नवग्रहों का भी प्रतीक है. रात में इस समय नौ बाती वाली नवज्योति जलाने से नवग्रहों की कृपा आपके पूरे परिवार पर बनी रहेगी.
गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र, गंगाजल, जनेऊ, लाल-पीला कपड़ा, चौकी, आसन, कलश दो, मिट्टी का दीपक, लड्डू, फल, घी, अक्षत, पान, सुपारी, नारियल, आम के पत्ते, पान के पत्ते, दूर्वा घास, केसर, लौंग, बाती, माचिस, साबुत धनिया, कौड़ी, भगवान के वस्त्र या चुनरी, फूल, कमल के फूल, पंचमेवा, धूप, अगरबत्ती, कलावा, जल पात्र, गट्टे, खील-बताशे, सिंदूर, कुमकुम, चांदी सिक्का, कुबेर यंत्र आदि.
प्रदोष काल- 20 अक्टूबर, शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक
वृषभ काल- 20 अक्टूबर, शाम 7 बजकर 08 मिनट से रात 9 बजकर 03 मिनट तक
दिवाली के दिन 20 अक्टूबर को राहुकाल सुबह 07:50 से शुरू होगा और 09:15 तक रहेगा. लक्ष्मी पूजन के समय राहुकाल का प्रभाव नहीं रहेगा. लेकिन राहुकाल में कोई शुभ कार्य या पूजा पाठ करना वर्जित होता है.
दिवाली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी. 21 अक्टूबर को दिवाली नहीं मनाने का कारण यह है कि, कार्तिक अमावस्या की तिथि 21 अक्टूबर को शा 05:55 पर समाप्त हो जाएगी. भले ही 21 अक्टूबर को उदयातिथि रहेगी, लेकिन प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त नहीं रहेगा. इसलिए 20 अक्टूबर 2025 को ही देशभर में दिवाली मनाई जाएगी और इसी दिन लक्ष्मी पूजन भी किया जाएगा.
दिवाली की रोनक अब लगभग देशभर में दिखने लगी है, लेकिन फिर भी लोगों के मन में यही सवाल कि, दिवाली 20 अक्टूबर को है या 21 अक्टूबर को. बता दें कि, दिवाली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी. क्योंकि 20 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि रहेगी, जोकि लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ होती है.
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