Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य नीति कहती है युवाओं को अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर और समर्पित रहना चाहिए. जो युवा भटक जाते हैं या फिर गलत आदतों में लिप्त हो जाते हैं उनके भाग्य में सफलता का सुख नहीं होता है. चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि युवाओं को अपने भविष्य को लेकर बहुत ही सजग रहना चाहिए. युवावस्था में भविष्य की नींव तैयार होती है. ये जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना गया है. जो इस उम्र के महत्व को नहीं समझते हैं उन्हें लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है. युवाओं को शिक्षा, सेहत और अपने लक्ष्य को लेकर ही जागरूक रहना चाहिए. युवावस्था में प्राप्त किया ज्ञान भविष्य को सांवरता है. इसलिए इस अवस्था में इन आदतों से दूर रहना चाहिए-


आलस- चाणक्य नीति कहती है कि युवाओं को आलस से दूर रहना चाहिए. युवाओं के नींद से जागने से लेकर सोने तक का नियम होना चाहिए. आलस की आदत तभी पनपती है जब व्यक्ति अनुशासन के महत्व को भूल जाता है. आलस एक रोग की तरह माना गया है. इसलिए युवाओं को इससे दूरी बनाकर रखना चाहिए.


नशा- चाणक्य नीति कहती है कि युवाओं को हर प्रकार की गलत आदतों से दूर रहना चाहिए. ये गलत आदतें ही सबसे अधिक हानि पहुंचाती हैं. तरक्की में बाधा बनती है. नशा करने से सेहत और मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है. व्यक्ति सक्षम और कुशल होने के बाद भी बेहतर प्रदर्शन करने से वंचित रह जाता है.


गलत संगत- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर भी सावधान रहना चाहिए. व्यक्ति के विकास और सफलता में संगत का भी विशेष महत्व होता है. जो युवा गलत संगत से दूर रहते हैं वे बहुत जल्दी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लेते हैं. गलत संगत सफलता में बाधक है. हर प्रकार की गलत संगत का त्याग करना चाहिए.


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