Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की गिनती विश्व के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य विख्यात तक्षशिला विश्वविद्यालय के विद्यार्थी थे. लेकिन बाद में अपनी प्रतिभा और परिश्रम से तक्षशिला विश्वविद्याय के शिक्षक बने. चाणक्य को आचार्य चाणक्य भी कहा जाता है. कौटिल्य के नाम से भी चाणक्य को जाना जाता है. चाणक्य ने मनुष्य को प्रभावित करने वाले हर रिश्ते का बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था.


पति और पत्नी का रिश्ता सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है. चाणक्य ने पति और पत्नी के रिश्ते के बारे में भी प्रकाश डाला है. चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी रथ के दो पहिए हैं. इसलिए पति और पत्नी को बहुत ही सूझबूझ से इस रिश्ते को निभाना चाहिए.


व्यर्थ की बातों में नहीं करना चाहिए विवाद
पति और पत्नी को उन विषयों पर बहस करने से बचना चाहिए जिनका संबंध उनसे न हो. व्यर्थ की बातों में तर्क विर्तक नहीं करना चाहिए. उन विषयों पर ही बातचीत करनी चाहिए जो उनके जीवन और भविष्य से जुड़ी होगी. बहस के दौरान मर्यादा और अनुशासन को नहीं भूलना चाहिए. चाणक्य के अनुसार व्यर्थ की बातों में बहस करने से ऊर्जा का नाश होता है.


एक दूसरे का सम्मान करें
पति और पत्नी का सम्मान अलग अलग नहीं होता है. इसलिए व्यक्तिगत सम्मान की भावना का त्याग करना चाहिए. दांपत्य जीवन में पति और पत्नी का सम्मान बराबर होता है. इसलिए समझदार दंपति कभी एक दूसरे की कमियों को उजागर नहीं करते हैं बल्कि कमियों को दूर करने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करते हैं.


आलोचना से न घबराएं
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कभी भी अपनी आलोचना से नहीं घबराना चाहिए. आलोचना को स्वीकार कर अपनी गलतियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. पति और पत्नी यदि एक दूसरे की किसी बात को लेकर आलोचना करें तो इसे स्वीकार करना चाहिए और उस कमी को दूर करना का प्रयास करना चाहिए. आलोचना में प्रेम का भाव बना रहना चाहिए. यही प्रेम का भाव, बेहतरी का संकेत होता है.


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