Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार पृथ्वी पर मनुष्य के रूप में हर व्‍यक्ति का जन्‍म किसी न किसी कारण से हुआ है. ईश्वर ने मनुष्य और पशु में कई समानता रखी है लेकिन ज्ञान और बुद्धि ही वहीं एक चीज है जो इंसानों को पशु से अलग बनाती है. भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति का पूरा जीवन जिम्मादारियों को पूरा करने में ही निकल जाता है. इस आपाधापी में वह कुछ ऐसे जरूरी काम भूल जाता है जिससे उसके जाने का बाद इसका हर्जाना परिवार को भुगतना पड़ता है. चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए कुछ ऐसे काम जरुर करना चाहिए जिससे उसकी मृत्यु के बाद भी उसका पूरा परिवार सुखी रहे.


धन संचय


जिम्मेदारियों को पूरी करने के लिए पैसा अति आवश्यक है लेकिन कमाई का कुछ हिस्से की बचत जरूर करें. ये धन मुश्किल समय में आपके और परिवार का साथ देगा. आर्थिक तंगी होने पर भी कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे. जो लोग अनावश्यक खर्च न करते हुए धन संचय पर गौर करते हैं उन्हें कभी दुख-दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता.


मेहनत ही करेगी भविष्य की सुरक्षा


चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को आलस त्याग कर परिश्रम में जुट जाना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए इसी में उसका और परिवार का कल्याण है. चाणक्य कहते हैं कि जवानी में अगर मन लगाकर मेहनत कर ली तो बुढ़ापा हंसी-खुशी कटेगा. चाणक्य के अनुसार मौजूदा हालातों को देखते हुए स्वास्थ, परिवार कल्याण की योजनाओं पर ध्यान दें और लगातार मेहनत करते रहते हैं.


व्यवहार में विनम्रता


व्यक्ति का दूसरों के प्रति व्यवहार उसके जीवन को बहुत प्रभावित करता है. चाणक्य के अनुसार अपने आचरण में विनम्रता का भाव रखें, वाणी के संयम का पूरा खयाल रखें. जो अपने व्यवहार से मान-सम्मान प्राप्त करता है उसे जीवन में कभी तकलीफों का मुंह नहीं देखना पड़ता. ऐसे लोगों की मदद के लिए कई हाथ आगे आ जाते हैं.


Chanakya Niti: धन का इस तरीके से करें इस्तेमाल, संकट के समय भी रहेंगे सुखी


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