Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियों में ऐसी तमाम बातों का जिक्र किया गया है जो हर व्यक्ति के लिए अत्यंत लाभकारी मानी गई हैं. आज के दौर में अधिकतर लोग चाहते है कि वह अपने काम के खुद मालिक हों, इसके लिए वह नए बिजनेस की शरुआत भी करते हैं लेकिन कुछ खास जानकारी के अभाव में उन्हें मन मुताबिक परिणाम नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में समय की बर्बादी तो होती है धन की पानी की तरह बहने लगता है लेकिन लागत शून्य रहती. चाणक्य ने नौकरी और व्यापार के लिए ऐसे मूलमंत्र बताएं है जिन्हें अपनाने वाले दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करते हैं और सफलता के मुकाम को हासिल करते है.


काम में गंभीरता


चाणक्य के मुताबिक इंसान को भगवान ने कर्म करने का गुण दिया है. ऐसे में इंसान को काम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए. काम कभी छोटा-बड़ा नहीं होता, जिस काम को करें उसमें पूरी तरह समर्पित रहें, क्योंकि आपकी यही खूबी आपको दूसरों से अलग बनाती है. चाणक्य कहते हैं कि जिस काम को बेमन से किया जाता है उसकी सफलता की संभावनाएं कम हो जाती है. इसलिए अपने काम में आलस्य का भाव न लाएं. तय समय से कार्य को पूरा करें और कहते हैं कि कार्य के प्रति गंभीर नहीं होने से हमारे और हमसे जुड़े लोगों के आज और भविष्य दोनों पर खतरा मंडराता रहता है.


अंधा विश्वास डूबो देगा व्यापार


चाणक्य नीति कहती है कि चाहे व्यवसाय करते हैं या फिर नौकरीपेशा हैं तो कभी अपनी रणनीति को सबके साथ शेयर न करें. कोई कितना ही खास क्यों ने हो आंख मूंद कर विश्वास करने की भूल नहीं करनी चाहिए. अंधा विश्वास आपको मुसीबत में डाल सकता है. चाणक्य ने कहा है कि व्यापार या नौकरी में साथी-सहयोगियों पर भरोसा करना जरुरी है लेकिन अंधभक्त न बनें, क्योंकि लोग कभी भी आपको धोखा दे सकते हैं.


एक गलत कदम छीन लेगा दौलत


आचार्य चाणक्य के अनुसार कई बार लोग अपने धंधे को बढ़ाने के लिए पैसे के लालच में गलत रास्ता अपना लेते हैं. जो उन्हें पलभर की खुशी तो दे सकता है लेकिन भविष्य में ऐसा पैसा आपका सुख, चैन और दौलत छीन लेगा. ऐसी दौलत कभी नहीं कमानी चाहिए, जिससे आपको कठोर यातनाएं सहनी पड़े, अपनी नैतिकता या मूल्यों का त्याग करना पड़े. क्योंकि एक गलत आदत आपकी और प्रोडक्ट की छवि पर सवालिया निशान लगा सकती है. इस कारण कई बार लोग दिवालिया हो जाते हैं. ईमानदारी का धन लंबे समय तक खुशी देता है और व्यक्ति को मानसिक तौर पर संतुष्ट रखता है.