Bhanu Saptami 2023: हिंदू धर्म में सूर्य देव को साक्षात देवता माना जाता है. इनकी आराधना से व्यक्ति को धन, वैभव, बल, तेज की प्राप्ति होती है. वैसे तो सूर्य देव की पूजा हर सुबह करनी चाहिए लेकिन प्रतिदिन पूजन न कर पाएं तो कुछ विशेष तिथियों पर सूर्य की उपासना से शुभ फल मिलता है. इस साल फाल्गुन माह की सप्तमी पर भास्कर देवता की पूजा का उत्तम संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार जिस रविवार को सप्तमी पड़ती है उसे भानु सप्तमी के नाम से जाना जाता है, ये तिथि सूरज देव को समर्पित है. आइए जानते हैं इस साल भानु सप्तमी की डेट, पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व.


भानु सप्तमी 2023 डेट (Bhanu Saptami 2023 Date)


फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 26 फरवरी 2023 को है. इसी दिन भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा. कहते हैं इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से मानसिक, शारीरिक, आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है.


भानु सप्तमी 2023 मुहूर्त (Bhanu Saptami 2023 Muhurat)


पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी 2023 को प्रात: 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू हो रही है. अगले दिन 27 फरवरी 2023 को सुबह 12 बजकर 59 मिनट पर खत्म होगी.



  • सूर्य पूजा का समय - सुबह 06.54 (सूर्योदय के समय अर्घ्य दें)

  • इंद्र योग- 25 फरवरी 2023, शाम 05.18 - 26 फरवरी 2023, दोपहर 4.27

  • त्रिपुष्कर योग- 26 फरवरी 2023, सुबह 6.39 मिनट  - 27 फरवरी 2023, सुबह 12.59


भानु सप्तमी महत्व (Bhanu Saptami Significance)


भानु सप्तमी के शुभ संयोग में सूर्य देव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने से जीवन में चल रहे संकट कम होते हैं. वंश वृद्धि के लिए  सूर्य की उपासना बहुत लाभकारी मानी गई है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य को जल में लाल चंदन डालकर अर्घ्य देने से गंभीर रोग भी समाप्त हो जाते हैं. कुंडली में मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. 


भानु सप्तमी पूजा विधि (Bhanu Saptami Puja vidhi)


भगवान सूर्य देव की आराधना करने के लिए प्रातः काल स्नान करके लाल आसन बिछाकर भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए. रोली चंदन का तिलक लगाकर, केसरिया वस्त्र धारण करके, तांबे के लोटे में केसर, अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. इससे सूर्य की कृपा प्राप्त होती है और धन, यश वैभव में वृद्धि होती है. भानु सप्तमी का व्रत रखने वाले भगवान सूर्य देव की चालीसा का पाठ करें. रोली और केसर का तिलक माथे पर लगाएं. सूर्य देव के मंत्र का जाप करें. भानु सप्तमी व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए. पूरे दिन फलाहार रहना चाहिए. रात में जागरण करें और सुबह मीठा पकवान बनाकर भोजन करें.


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