Basant Panchami 2021: पंचांग के अनुसार वर्ष 2021 में बसंत पंचमी का पर्व 16 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन रेवती नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा मीन राशि में मौजूद रहेगा. बसंत पंचमी के दिन शुभ योग बना रहेगा. इस कारण इस दिन सरस्वती जी की पूजा का विशेष लाभ जीवन में प्राप्त होगा. मां सरस्वती जी को ज्ञान की देवी कहा गया है. ज्ञान सभी प्रकार के अंधकार को दूर करता है. मान्यता है कि बसंत पंचमी पर शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है.


माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व है
माघ का महीना आरंभ हो चुका है. 29 जनवरी 2021 से माघ का महीना आरंभ हो चुका है. बसंत पंचमी माघ मास के प्रमुख पर्वों में से एक है. माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा.


बसंत पंचमी से ग्रीष्म ऋतु का आरंभ होता है
मान्यता है कि बसंत पंचमी की तिथि से ही सर्दी की ऋतु का समापन आरंभ हो जाता है और ग्रीष्म यानि गर्मी की ऋतु का आगमन होने लगता है. सूर्य देव माघ के महीने में अपनी गति को बढ़ा देते हैं. माघ मास में दिन बड़े और रात छोटी होना आरंभ हो जाता है. सभी ऋतुओं में बसंत के मौसम को विशेष माना गया है. माना जाता है कि बसंत ऋतु में में प्रकृति एक नए रंग में नजर आने लगती है. जो लोगों को ऊर्जा प्रदान करती है. इस मौसम में पेड-पौधों पर नए पत्ते और फूल खिलने लगते हैं. जो लोगों के मन को प्रसन्नता प्रदान करती है.


बसंत पंचमी मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि आरंभ होगी. बसंत पंचमी का समापन 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर होगा.


पूजा विधि
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती जी की पूजा की जाती है. सूर्य उदित होने से पूर्व स्नान करना चाहिए और इसके बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए. बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है. भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है. इस दिन पीले वस्त्र और पीले रंग की वस्तुओं का प्रयोग करना शुभ माना जाता है.


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