परीक्षाओं का मौसम आ गया है. लेकिन पैरेंट्स को अपने बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा जो एक नई बात चिंतित करने लगी है, वह है बच्चों में लगातार बढ़ रहा स्ट्रैस. एक समय था जब बच्चे यह नहीं जानते थे कि स्ट्रैस किस चिड़िया का नाम है. लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है. कम उम्र से ही तनाव बच्चों के दिलो-दिमाग में घर करने लगा है. इसके कई कारण हो सकते हैं. इनमें पढ़ाई का प्रेशर, हार्मोनल बदलाव, पैरेंट्स की एक्सपेक्टेशन, हमउम्र साथियों का व्यवहार शामिल हो सकते हैं. लेकिन एग्जाम के दिनों में यह प्रेशर और ज्यादा ट्रिगर हो जाता है और बच्चों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं वे आसान से उपाय जिन्हें अपनाकर पैरेंट्स अपने बच्चों को तनाव से बचा सकते हैं. 


बच्चों के मेंटल हेल्थ का ऐसे रखें ध्यान


1. इमोशनल सपोर्ट


किसी भी बच्चे के लिए उसके माता-पिता का इमोशनल सपोर्ट बेहद जरूरी होता है. खासतौर पर जब सामने परीक्षा जैसी चुनौती सामने हो तो माता-पिता के सपोर्ट की जरूरत और ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में यदि आप अपने बच्चे को भावनात्मक रूप से मजबूती देते हैं तो यकीन मानिए वह जिंदगी में किसी मुसीबत से नहीं डरेगा. लेकिन उसके लिए आपको अपने बच्चे के मन में यह भरोसा जगाना होगा कि आप उसे बिना जज किए हुए उसकी चिंता, डर और इनसिक्योरिटी को समझेंगे और उसके इमोशन्स की कद्र करेंगे.


2. इफेक्टिव कम्युनिकेशन


बच्चों के साथ पैरेंट्स का लगातार एंगेंजमेंट उन्हें स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए तैयार करता है. क्रिएटिव कम्युनिकेशन और एक्टिवली लिस्निंग की मदद से पैरेंट्स बच्चों किसी भी चुनौती से आने वाले स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए तैयार कर सकते हैं. माइंडफुलनेस प्रेक्टिस, रिलेक्सेशन टेक्नीक्स और टाइम मैनेजमेंट स्किल्स को भी बढ़ावा देकर बच्चों को परीक्षा की तैयारी के प्रति बैलेंस्ड नजरिया अपनाने के लिए तैयार कर सकते हैं. यह उन्हें लंबी उम्र तक दिमाग पर पड़ने वाले विपरीत असर से बचाएगा.


3. प्रेक्टिकल असिस्टेंस


कई बच्चे अपने लिए सही टाइम मैनेजमेंट, स्टडी मैटेरियल और रिविजन स्ट्रेटेजी तैयार करने में नाकाम रहते हैं और तनाव में आ जाते हैं. ऐसे में उन्हें अपने पैरेंट्स से प्रेक्टिकल असिसटेंस की जरूरत होती है. पैरेंट्स अपने अनुभव और एक्सपर्टीज का फायदा उठाकर बच्चों की इस मोर्चे पर मदद कर सकते हैं. 


4. खुद उदाहरण बनें


डब्ल्यू.ई.बी. अमेरिकी समाजशास्त्री और इतिहासकार डबॉइस ने कहा है कि 'आप जो सिखाते हैं बच्चे उससे ज्यादा आप जो हैं उससे सीखते हैं.' एक संतुलित जीवनशैली अपनाकर, माता-पिता बच्चों को सेल्फ केयर और स्ट्रेस मैनेजमेंट का महत्व सिखाकर उन्हें एक मजबूत नींव दे सकते हैं.