Men-Women Friendship: माना जाता है कि एक लड़का और लड़की दोस्त नहीं हो सकते हैं. ऐसा सोचना और ऐसा कहना गलत है. बदलते जामाने के साथ अब एक लड़का और लड़की अच्छे दोस्त हो सकते हैं. दोस्त बनाने के लिए जेंडर की नहीं सोच मिलने की जरूरत होती है. एक लड़का और लड़की का दोस्त होना कोई नई बात नहीं है. अक्सर हम फिल्मों में या फिर अपने आस-पास भी देखते हैं कि एक लड़का और लड़की सिर्फ दोस्त बनकर रहते हैं.


क्या सिर्फ फ्रेंडशिप पॉसिबल है?
एक सर्वे के मुताबिक, मेल्स और फीमेल्स के बीच दोस्ती बिल्कुल संभव है. हर आम फ्रेंडशिप की तरह ही इस दोस्ती की शुरुआत भी ज्यादातर मामलों में किसी चीज को लेकर कॉमन इंट्रेस्ट से होती है. ऐसे रिश्ते जो सिर्फ दोस्ती तक ही सीमित रहते हैं, उनमें लड़का और लड़की एक-दूसरे को लगभग उसी तरह ट्रीट करते हैं, जैसे वे अपने सेम सेक्स के फ्रेंड्स को करते हैं. हां, ये जरूर है कि मेल फ्रेंड्स अपनी फीमेल फ्रेंड्स को लेकर ज्यादा प्रोटेक्टिव होते हैं. 


दोस्ती विश्वास मे बंधी है
कहते हैं कई बार खून के रिश्तों पर दोस्ती का रिश्ता भारी पड़ जाता है, बिना किसी स्वार्थ के ये रिश्ता सच में बस विश्वास के धागे से बंधा होता है. ये जरूरी तो नहीं कि लड़का सिर्फ एक लड़के पर ही विश्वास कर सकता और लड़की सिर्फ लड़की पर ही विश्वास कर सकती है. असल जिंदगी में अब ऐसा नहीं रहा है. लड़के-लड़कियां अच्छे दोस्त भी बनते हैं और ये रिश्ता मजबूती से आगे भी बढ़ता है. 


रोमांस के चांस?
जर्नल ऑफ सोशल ऐंड पर्सनल रिलेशनशिप्स में प्रकाशित एक स्टडी की मानें, तो ऐसे रिश्तों में कहीं न कहीं रोमांस के चांस भी मौजूद होते हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार 'हमें लगता है कि हम सिर्फ दोस्त रह सकते हैं, लेकिन सच तो यह है कि किसी मौके पर इसमें रोमांस भी एंटर कर सकता है.' हालांकि, इसमें यह भी सामने आया कि ऐसे रोमांस के चांस में ज्यादातर वन साइड लव ही होता है, जिसके सफल होने के चांस दूसरे व्यक्ति के रिऐक्शन पर निर्भर करते हैं.


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