मैग्नीशियम शरीर में कई सारे बायो रासायनिक प्रतिक्रियाओं का जिम्मेदार है. शरीर का हर सेल मिनरल रखता है, शरीर का 60 फीसद मैग्नीशियम हड्डियों में रहता है जबकि बाकी, टिश्यू, मसल और फ्लूड में पाया जाता है. सुचारू रूप से काम करने के लिए हमारे शरीर को मैग्नीशियम की जरूरत पड़ती है. उसकी कमी शरीर समेत दिमाग के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकती है.


आपके शरीर द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों में उसकी भूमिका होती है. इसलिए आपके शरीर को मैग्नीशियम की जरूरतों पर करीब से ध्यान दिया जाना चाहिए. अगर आप उसकी जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं, तो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के गंभीर नुकसान की वजह हो सकती है. मैग्ननीशिय के कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे हैं.


ये शरीर में ऊर्जा पैदा करने का जिम्मेदार है क्योंकि ये भोजन को ऊर्जा में बदलता है. ये प्रोटीन की बनावट में भी मदद करता है. ये आपके मसल्स के सुचारू काम को सुनिश्चित करता है. मैग्नीशियम मरम्मत करता है और डीएनए और आरएनए को बनाता है. ये नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करता है और दिमाग और नर्वस सिस्टम से संदेश भेजने में मदद करता है.


मैग्नीशियम की कमी के चंद लक्षण और संकेत समझें


मिनरल की पहचान कई बीमारियों जैसे डिप्रेशन, टाइप-2 डायबिटीज, माइग्रेन और ब्लड प्रेशर से लड़ने की है. ये आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर आपको ज्यादा सक्रिय बनाता है. मैग्नीशियम में सूजन-रोधी गुण भी पाए जाते हैं. ये एक सुरक्षित और स्वस्थ मिनरल है. उसकी कमी के चंद लक्षण और संकेत को जानना फायदेमंद रहेगा.


1. थकान
2. मांसपेशियों में कमजोरी
3. अस्थमा
4. मानसिक बीमारी
5. हाई ब्लड प्रेशर
6. मांसपेशियों में ऐंठन
7. ऑस्टियोपोरोसिस
8. अपर्याप्त भूख
9. जी मिचलाना
10. उल्टी

मिनरल की कमी को पूरा करने में मददगार फूड


पालक- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है. ये आपकी सेल की सुरक्षा कर स्वास्थ्य को होनेवाले नुकसान के खतरे को कम करता है.


नट्स- नट्स जैसे काजू और बादाम में भी मैग्नीशियम बहुत ज्यादा पाया जाता है. ये मैग्नीशियम की कमी की समस्या को जल्दी हल कर सकते हैं.


केला- स्वादिष्ट होने के साथ केला स्वस्थ भी है. उससे मैग्नीशियम की शानदार मात्रा मिलती है और ये आपके ऊर्जा लेवल को बढ़ाता है. दुनिया भर में केला एथलीट्स के बीच काफी लोकप्रिय है.


डॉर्क चॉकलेट- ये मैग्नीशियम का स्वादिष्ट स्रोत है. डॉर्क चॉकलेट ऑक्सीडेंट्स रोधी से भरा होता है. ये आपकी मैग्नीशियम की कमी को पूरा कर सकता है. इसके अलावा दूसरे कई स्वास्थ्य उपचार भी मुहैया कर सकता है.


बचपन में ऑयली मछली खाने से अस्थमा का जोखिम 50% हो सकता है कम- रिसर्च


कोविड-19 रिस्पॉन्स इंडेक्स में भारत 86वें नंबर पर, 98 देशों की सूची में न्यूजीलैंड, वियतनाम और ताइवान रहे टॉप