हैदराबाद: डिजाइनर राघवेंद्र राठौड़ ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय ब्रांडो से बढ़ते प्रतिस्पर्धा के बीच बड़े नोटों को हटाने के कारण भारतीय फैशन उद्योग को अपनी व्यावसायिक रणनीतियों को फिर से काम करने पर मजबूर किया है. राठौड़ ने कहा कि आठ नवंबर के कदम ने रियल स्टेट सेक्टर पर प्रतिकूल असर डाला है. नकदी से चलने वाले फैशन उद्योग पर अर्थिक संकट का दौर है जिसमें अब ज्यादा पारदर्शी लेन देन के बाद चीज़े बदल गईं हैं और सफाई हुई है. राठौड़ ने कहा, ‘‘ मेरे ख्याल से एक तरह की नई व्यवस्था उभर रही है और डिजाइनरों को अपने उत्पादों में बदलाव करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है और जिस माहौल में वे अपने उत्पादों को बेचते हैं और उसमें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहे जो अब वैश्विक होने जा रहा है क्योंकि जिस भारत को हम आठ नवंबर तक की रात तक जानते थे वो अब हमेशा के लिए बदल रहा है.’