Mosquitoes Bites: एक ऐसी जगह, जहां 3-4 लोग एक साथ खड़े हैं और वहां मच्छर भी हैं, तो कैसे तय होता है कि मच्छर किस व्यक्ति को ज्यादा काटेंगे? अगर किसी एक व्यक्ति को ज्यादा काटेंगे तो वो कौन सी चीज है, जिसकी वजह से मच्छर उस आदमी की नाक में दम करते हैं. इसी का जवाब साइंटिस्ट्स ने एक रिसर्च के जरिए दिया है. ये वो सवाल है जिसके खोजने में सालों से लोग अपना खून-पसीना और पैसा बहा रहे हैं. रिसर्च में बताया गया है कि, 'भूखे मच्छरों को आपका शरीर बड़े प्रोटीन शेक जैसा नजर आता है और उनको आपके शरीर से 'फटे पैर' जैसी बदबू आती है और इससे वो आकर्षित होते हैं.


कुछ लोग मच्छरों को ज्यादा आकर्षित करते हैं
आकर्षित करने वाला मामला बिल्कुल वैसा ही है, जैसे हम किसी की ओर या कोई हमारी तरफ आकर्षित होता है. जैसा कि हमने जिक्र किया, मच्छरों को वो स्मैल (गंध) आकर्षित करती है, जो आपके शरीर से आती है, इसलिए जिस व्यक्ति के शरीर से प्रोटीन शेक (फटे पैर) जैसी गंध ज्यादा आएगी, मच्छर उसे ज्यादा काटेंगे.


डियो लगाएं या परफ्यूम मच्छर नहीं मानेंगे
मच्छरों और शरीर से आने वाली गंध का रिश्ता खास है. तीन साल तक चली रिसर्च में ये बात सामने आई कि आप चाहे डियो लगा लें या परफ्यूम लगाएं या फिर शैंपू ही क्यों न बदल लें, मच्छरों को आकर्षित करने वाली आपके शरीर की गंध उनके लिए नहीं बदलती. इस बात से भी फर्क नहीं पड़ता कि आपको पसीना आ रहा है या फिर आपने उस दिन क्या खाया है. अगर एक बार मच्छर आपके शरीर से आने वाली गंध से प्रभावी हो जाएं तो फिर आप कुछ भी कर लीजिए, आपको मच्छर हमेशा ही परेशान करेंगे. उनके लिए फिर आप एक पसंदीदा खाना बन जाएंगे.  


बियर पीने के बाद मच्छर करते हैं ज्यादा आकर्षित
वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च को अलग-अलग तरीके से अंजाम दिया लेकिन इस बात पर अभी रिसर्च जारी है कि किसी भी व्यक्ति के शरीर से जो गंध आती है या जो एसिड बनता है उसके कौन-कौन से कारण हैं. हालांकि, विशेषज्ञों ने ये जरूर पाया कि जब महिलाएं गर्भवती होती हैं या लोग जब बियर पी लेते हैं, तो मच्छरों को ज्यादा आकर्षक लगते हैं.


इससे बड़ी मुश्किल कुछ और है
न्यूयॉर्क में रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के शरीर से कार्बोक्जिलिक एसिड (carboxylic acids) की गंध ज्यादा आती है, उन्हें  मादा एडीज एजिप्टी (मच्छर की एक विशेष प्रजाति) दूसरे लोगों की तुलना में 100 गुना आकर्षित करती है. यही मादा मच्छर (एडीज एजिप्टी) डेंगू, चिकनगुनिया, यलो फीवर और जीका जैसी बीमारियों को फैलाने के लिए जिम्मेदार है.


बीमारियों के पीछे मच्छर बड़ा कारण
हर साल लगभग 70 करोड़ लोग दुनिया में मच्छरों से होने वाली बीमारी की चपेट में आते हैं. वैज्ञानिक ये भी मानते हैं कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा इन मच्छरों की संख्या बढ़ने लगेगी.


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