Health Tips: आज का समय जब करिए और जॉब को लेकर लोग ज्यादा डेडिकेटेड हो चुके हैं, ऐसे में अपनी हेल्थ की ओर ध्यान दे पाना मुश्किल हो रहा है. युवा आज बाकी चीजों पर तो पूरा ध्यान देते हैं लेकिन जब हेल्थ की बात आती है तो उसे कई बार इग्नोर कर जाते हैं. लेकिन यह इग्नरेंस आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है. वर्क फ्रॉम होम के चलते ज्यादातर लोग घंटों बैठकर काम करते हैं. पैरों का मूवमेंट प्रॉपर नहीं हो पाता है. ऐसे में कई तरह की बीमारियां घेरना शुरू कर देती हैं.  आज हम बात कर रहे हैं ऑस्टियोपोरोसिस की. 

 

पूरी दुनिया में 20 अक्टूबर को हर साल वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है ताकि इस बीमारी से लोगों को अवेयर किया जा सके. दरअसल इस बीमारी में बढ़ती उम्र के साथ बॉडी की हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं. बाद में यह कमजोर हड्डियां कई तरह की बीमारियों को न्योता देती हैं. ऐसे में इन बीमारियों से बचने के लिए एक अच्छी लाइफ स्टाइल जीना बेहद जरूरी है. आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर हड्डियां किन कारणों से कमजोर होने लग जाती हैं और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए.

 

ऑस्टियोपोरोसिस

हड्डियों के कमज़ोर पड़ने से ऑस्टियोपोरोसिस आपको अपना शिकार बना सकती है. बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों की हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं जिनमें आसानी से फ्रैक्चर हो सकता है.  इस स्थिति से बचने के लिए विटामिन डी की भरपूर मात्रा बॉडी में होना जरूरी है.

 

थायरॉयड

 जिन लोगों को थायराइड होता है आगे चलकर उनकी हड्डियां भी कमजोर होना शुरू हो जाती हैं. हालांकि ये स्थिति तब पैदा होती है जब बॉडी में थायराइड का लेवल  बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि थायरायड को कंट्रोल करके रखें और बैलेंस डाइट लेना शुरू करें. 

 


कैल्शियम की कमी 

 अक्सर जब हड्डियां कमजोर होने लगती हैं तो कैल्शियम की टेबलेट दी जाती है, क्योंकि कैल्शियम की कमी ही हड्डियों के कमजोर होने की सबसे बड़ी वजह है. बहुत ही आम लगने वाली यह समस्या आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है. इसलिए पोषक तत्वों की कमी को दूर करते हुए हेल्दी डाइट लेना शुरू करें. इसी डाइट से आप अपनी कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं और इन बीमारियों से बच सकते हैं.

 


मेनोपॉज़

महिलाओं की हड्डिया कमजोर होने का एक बड़ा कारण  यह भी हो सकता है. मेनोपॉज़ के बाद हड्डियां वीक होने लगती हैं. क्योंकि मेनोपॉज़ के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन कम बनता है. इस हार्मोन की हड्डियों को स्ट्रांग  बनाए रखने में अहम भूमिका होती है. 

 

इटिंग डिसऑर्डर

इटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों की भी हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं.  इससे अर्थराइटिस या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है. 

 

सुपर फूड्स को डाइट में करें शामिल

एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के लिए बहुत जरूरी है कि आप अपनी डाइट का पूरी तरह ख्याल रखें, क्योंकि यही डाइट आपको लाइफटाइम हेल्दी और फिट रहने में मदद करेगी. इसके लिए आपको अपनी डाइट में टोफू, दही, ड्राइफ्रूट्स, बीज, ओमेगा- 3 फैटी एसिड, हरी सब्ज़ियां, हल्दी आदि जैसी चीज़ों को शामिल करना होगा.

 

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