World Breastfeeding Week: 'वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक'यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो हर साल अगस्त पहले हफ्ते के पूरे 7 दिन तक मनाया जाता है. हफ्तेभर चलने वाला यह कार्यक्रम मां और शिशु दोनों के लिए बेहद जरूरी है. यह कार्यक्रम का मुख्य उद्दश्य है पूरी दुनिया को ब्रेस्टफीडिंग एक बच्चे और मां के लिए कितना जरूरी है उसे लेकर जागरूकता फैलाना. इस कार्यक्रम में बताया जाता है कि एक शिशु के ऑलओवर ग्रोथ के लिए ब्रेस्टफीडिंग कितना जरूरी है उससे अवगत कराना.


'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक हर साल 27 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं. यह सख्या कुल मरने वाले बच्चों की मौतों की संख्या से भी काफी ज्यादा भयानक है. एक शिशु के लिए मां का दूध बेहद जरूरी है क्योंकि इससे उसका हेल्दी ग्रोथ होता है. अक्सर डॉक्टर से लेकर हेल्थ एक्सपर्ट तक कहते हैं कि 6 महीने तक एक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए. 


'वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक' 2023 का थीम


हर साल ग्लोबल ब्रेस्टफीडिंग कैंपेन एक खास थीम पर आधारित होती है. इस साल की थीम है आइए स्तनपान कराएं और काम करें... काम करें.


वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने न्यू मॉम्स के लिए नई गाइडलाइन्स भी शेयर की हैं:-


जन्म के एक घंटे के अंदर अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करवाएं


6 महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही देना है. पानी तक नहीं देना है.


6 महीने के बाद से घर का बना सिरल्स बच्चे को खिला सकते हैं. और 2 साल या उससे अधिक तक अगर आप ब्रेस्टफीडिंग कराने में सक्षम है तो जरूर करवाएं.


ब्रेस्टफीडिंग के फायदे और नुकसान


जो बच्चे अपनी मां का दूध लंबे वक्त तक पीते हैं उनकी इम्युनिटी बहुत मजबूत होती है. और वह हर तरह की बीमारी से आसानी से लड़ने में कामयाब होते हैं. 


जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं उन्हें पीरियड्स होने के चांसेस कम रहते हैं. ऐसे में उन्हें पीरियड्स से भी ब्रेक मिल जाता है. कहा जाता है कि ओवुलेशन नहीं होता है. 


ब्रेस्टीफीडिंग करवाने से डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा कम रहता है.


बच्चे के जन्म के 6 महीने तक ब्रेस्टफीडिंग करवाना बेहद जरूरी होता है.


ब्रेस्ट मिल्क पंप करने से भी कुछ महिलाओं को ठीक नहीं लग सकता है. 


कुछ महिलाओं को डिलीवरी के शुरुआती सप्ताह में ब्रेस्टफीडिंग करवाने में काफी दर्द महसूस होता है. 


कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट में इंफेक्शन होने का खतरा हो जाता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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