​International Toilet Day 2022: एक स्वच्छ और सुरक्षित जीवन जीने के लिए टॉयलेट यानी शौचालय का होना बेहद जरूरी है. ये सिर्फ हमें एक अच्छी जीवन जीने के लिए जरूरी है, बल्कि यह हमें कई बीमारियों से बचाता है. हमारे समाज में दो तरह के टॉयलेट इस्तेमाल किए जाते हैं. एक वेस्टर्न और इंडियन स्टाइल (Indian Style Toilet), लेकिन अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि दोनों टॉयलेट में से ज्यादा बेहतर कौन है. आज हम आपको रिसर्च और शोध के मुताबिक दोनों टॉयलेट की खासियत और नुकसान से के बारे में बताएंगे.


समय और जरूरत के हिसाब से दोनों ही टॉयलेट की अपनी-अपनी अहमियत है. वहीं कई शोध और रिसर्च से पता चला है कि बेशक वेस्टर्न टॉयलेट देखने में सुंदर क्लासी और आरामदायक लगता है लेकिन ऐसे कई सारे नुकसान हैं.


वेस्टर्न टॉयलेट ( Western Toilet)के नुकसान


1.शोध के मुताबिक पहले जो भारतीय टॉयलेट थी इसमें इंसान का पूरा शरीर चलता था, हाथ से लेकर पैरों के पंजे तक एक तरह से इस तरह से टॉयलेट करना पूरी तरह से शरीर के लिए एक्सरसाइज होती थी, जब टॉयलेट करके उठते थे तो पूरी तरह से एक्सरसाइज कर चुके थे, लेकिन आज वेस्टर्न टॉयलेट ऐसा है जैसे आप सामान्य रूप से कुर्सी पर बैठे हैं. यह एक तरह से आप को बीमार बना रहा है.


2.यह महसूस करने वाली बात है कि जब इंडियन टॉयलेट ( Indian Toilet) में बैठते हैं तो फ्रेश होने में मुश्किल से 2 से 3 मिनट लगते थे, लेकिन आज इंग्लिश टॉयलेट  (Western Toilet)पर 5 से 10 मिनट बैठे रहने के बावजूद भी फ्रेश नहीं हो पाते हैं.और ये हमारे लिए कई समस्याओं का कारण बन जाता है.


3.इंडियन टॉयलेट की अपेक्षा में आपको वेस्टर्न टॉयलेट में अधिक पानी की आवश्यकता होती है. यानी कि इसमें कई लीटर पानी बर्बाद हो जाता है. वेस्टर्न टॉयलेट में पानी ज्यादा इस्तेमाल के बावजूद स्वच्छता बरकरार नहीं रहती है, इसी वजह से हमें टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करना पड़ता है.जिससे पेपर की बर्बादी भी होती है.


4.वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल करने से आपको संक्रमण की संभावनाएं अधिक होती है. इससे यूटीआई का खतरा होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि टॉयलेट सीट से आपका सीधा संपर्क होता है. एक टॉयलेट में कई तरह के लोग जाते हैं ऐसे में किसी से भी किसी तरह के रोग फैलने का खतरा बना रहता है.


वेस्टर्न टॉयलेट के फायदे


सेहत केलिहाज से ये भले ही नुकसान देह है, लेकिन इंडियन टॉयलेट के अपेक्षा वेस्टर्न टॉयलेट को अधिक आरामदायक माना जाता है. इसका उपयोग करने पर आपको किसी भी प्रकार से मांसपेशियों में तनाव नहीं आता है. वेस्टर्न टॉयलेट खास करके बूढ़े, बुजुर्ग लोगों के लिए सुविधाजनक होता है. इसके फायदे उन लोगों को भी होते हैं जो ओस्टियोआर्थराइटिस के रोगी हैं या फिर जिनकी हाल में सर्जरी हुई है, जिन्हें ज्यादा उठने और बैठने की मनाही है.


इंडियन टॉयलेट के फायदे


1. जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं वह लोग इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल से एक्सरसाइज तो नहीं लेकिन हाथ पैर का मूवमेंट जरूर हो जाता है.इंडियन टॉयलेट में आप उठते बैठते हैं हाथों का इस्तेमाल करते हैं इससे ब्लड सरकुलेशन सही बना रहता है.


2.जब आप इंडियन टॉयलेट में बैठते हैं तो आपके पूरे पाचन तंत्र पर दबाव बना रहता है, जिसकी वजह से आपका पेट अच्छे से साफ होता है. वही वेस्टर्न टॉयलेट में आप आराम से बैठते हैं तो दबाव कम बनता है ऐसे में कई बार ठीक से पेट नहीं साफ होता है और डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं हो जाती है.


3.प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद बताया गया है. कहा जाता है कि लगातार इसके इस्तेमाल करने से नेचुरल डिलीवरी में बहुत मदद मिलती है.


4.इंडियन टॉयलेट के इस्तेमाल से संक्रमण का भी खतरा कम रहता है क्योंकि आप का सीधा संपर्क टॉयलेट सीट से नहीं होता है, आप अपने पैरों के सहारे इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं.


5.इंडियन टॉयलेट के इस्तेमाल करने से कब्ज जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है डॉक्टरों द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि भारतीयों की तुलना में पश्चिमी देशों के लोगों में पेट से संबंधित समस्याओं का खतरा ज्यादा है.


6.इंडियन टॉयलेट के इस्तेमाल से पेट से संबंधित कोलन कैंसर और अन्य बीमारियों के होने का खतरा नहीं रहता है. इंडियन टॉयलेट सीट में बैठना हमारे शरीर में कोलन से मल को पूरी तरह से निकालने में मदद होता है. इस प्रकार कब्ज अपेंडिसाइटिस, कोलन कैंसर और अन्य प्रकार की बीमारियों की संभावनाओं को कम करने में इंडियन टॉयलेट मदद करता है.


इंडियन टॉयलेट के नुकसान:


1.बुजुर्ग लोग ओस्टियोआर्थराइटिस रोगी या फिर जिस किसी की सर्जरी हुई है. उनके लिए इंडियन टॉयलेट सही नहीं होता है, उनकी समस्या और बढ़ सकती है.


2.इंडियन टॉयलेट का इस्तमाल करते समय अधिक दबाव डालने पर ब्रेन एन्यूरिज्म कोशिकाओं को क्षति पहुंच सकती है जिससे मृत्यु तक होने की संभावना है.


कुल मिलाकर दोनों ही टॉयलेट के अपने फायदे और नुकसान हैं यह आपके ऊपर है कि अपने अच्छाई और बुराई को समझते हुए आपको किस तरह के टॉयलेट का चुनाव करना है.


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