हाई बीपी जब बढ़ जाती है तो हाइपरटेंशन का रूप ले लेती है. इसके लक्षण चेहरा और आंखों पर साफ दिखाई देते हैं. हाई बीपी यानी हाइपरटेंशन का सीधा कनेक्शन आर्टिरियल्स धमनियों से है. आर्टिरियल्स का मुख्य काम शरीर में ब्लड रेगुलेट करने का काम है. जब यह पतली सी हो जाती है इंसान के दिल को ब्लड पंप करने में ज्यादा मेहनत लगती है. जिसके कारण नसों में प्रेशर बढ़ जाता है. 


क्या कहती है WebMD की रिपोर्ट


WebMD की रिपोर्ट के मुताबिक सिर चकराना, घबराहट, पसीना आना, नींद न आना हाई बीपी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. लेकिन यह लक्षण इतने कॉमन है हर दूसरे व्यक्ति में यह लक्षण दिखाई देते हैं.
'अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' के मुताबिक आंखों का रंग लाल दिखाई देना यह ब्लड स्पॉट दिखाई देना यह सब्सकंजक्टिवल हैमरेज कह सकते हैं.


यह हाई बीपी की वॉर्निंग साइन होती है. इसकी पहचान वक्त रहते कर लेना चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज मरीज के आंखों का रंग भी लाल दिखाई देता है और हाई बीपी के मरीज में भी यह लक्षण दिखाई देते हैं. दोनों ही बीमारी में यह एक कॉमन लक्षण हैं.


आंखों के डॉक्टर के मुताबिक अनट्रीटिड हाई बीपी के कारण भी आंखों के ऑप्टिक नर्व्स को नुकसान पहुंचता है जिसके कारण आंखों का रंग लाल दिखता है.


चेहरे का रंग लाल होने से लेकर आंखों के रंग का लाल होना हाई बीपी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. फेस फ्लशिंग की बीमारी उस वक्त होती है जब चेहरे का ब्लड वेसल्स वाली नसें पतली हो जाती है. यह अक्सर सूर्य की तेज रोशनी के संपर्क में आने के कारण हो सकता है. काफी ज्यादा ठंड के कारण भी हो सकता है. स्पाइसी फूड, हवा के कारण भी यह बीमारी हो सकती है. 


इन सब के अलावा काफी ज्यादा इमोशनल स्ट्रेस, हीट या गर्म पानी के कारण भी यह बीमारी हो सकती है. हाई बीपी वाले लोगों को एक्सरसाइज करनी चाहिए. फेशियल फ्लशिंग की समस्या तब भी हो सकती है जब बीपी हाई हो जाता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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