शाकाहारी भोजन हम सभी करते हैं, लेकिन क्या आपको इसके अनसुने फायदे पता हैं? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं. शाकाहारी भोजन पॉजिटिव एनर्जी के साथ शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है. यह कहना है दक्षिण एशियाई वुशु चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल और देश के लिए चार अंतर्राष्ट्रीय मेडल जीतने वाले राजस्थान के रोहित जांगिड़ का.  रोहित हमेशा नॉन-वेज से दूर रहते हैं और भारत के सबसे दुर्लभ शाकाहारी वुशु फाइटर और पुलिसकर्मी हैं. रोहित अपने दिनचर्या में शाकाहार को ही तवज्जो देते हैं. उनका डाइट चौकाने वाला लग सकता है, लेकिन वह अपने मसल्स के लिए मांसाहार के मिथक को तोड़ रहे हैं, जो बहुत कम देखने और सुनने को मिलता है.


रोहित का कहना है कि मसल्स के निर्माण के लिए आपको ज्यादा मात्रा में प्रोटीन और शाकाहारी स्रोतों की जरूरत होती है, लेकिन इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि आपको नॉन वेज ही खाना पड़े. शाकाहार से भी इस चीज को पूरा किया जा सकता है. रोहित अपने अभ्यास के दौरान आधा किलो बादाम, 250 ग्राम मुनक्का, देसी कसरत के साथ फिटनेस को बरकरार रखते हैं. मांसाहारी खाद्य पदार्थ प्रदान करने वाले समृद्ध पोषण स्रोत पर एक एथलीट बनने के कारण रोहित जांगिड़ ने शाकाहारी को चुना. रोहित के मुताबिक एक पूर्ण-पौधे-आधारित आहार आपको अपनी ऊर्जा के स्तर में सुधार करने, अच्छी पाचन शक्ति बनाने और जलयोजन बनाए रखने में मदद करेगा.




रोहित का यह भी कहना है कि शाकाहार आहार एंटीऑक्सिडेंट, खनिज और विटामिन से भरपूर होता है, जो आपको एक बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने में मदद करता है, जिसका अर्थ है कि आप कम बीमार पड़ते हैं. भारत शास्त्र, ग्रंथ और आयुर्वेद की संस्कृति है, जो हर जीव के प्रति अहिंसा और दया को बढ़ावा देती है. महाभारत में 'अहिंसा परमो धर्म' भी लिखा है, भारतीय होना हर किसी के लिए हमेशा गौरव की बात होती है. इस परिदृश्य में, यह सुंदर व्यक्ति हमें गौरवान्वित कर रहा है और सभी के लिए प्रेरणा बन रहा है.


रोहित जांगिड़ दक्षिण एशियाई वुशु चैंपियन और चार अंतर्राष्ट्रीय मेडल विजेता हैं. विश्व अंतरराष्ट्रीय वुशु चैंपियनशिप में रोहित ने हमारे देश के लिए कई पदक जीते हैं.  रोहित धर्म का पालन करते हैं और कर्म करने में विश्वास रखते हैं. वह भारतीय मूल्यों को भूले बिना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वुशु में इतिहास रच रहे हैं. रोहित अपने सिक्स पैक एब्स और फिटनेस लुक के लिए फेमस है, वह भी वेजिटेरियन होते हुए.