कुछ सालों में हार्ट अटैक (Heart Attack), स्ट्रोक (Heart Stroke), बैड कोलेस्ट्रॉल से मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ी है. कई बार इसे कोरोना तो कभी खराब खानपान और लाइफस्टाइल से जोड़कर देेखा गया है. अब इसी से जुड़ी एक ऐसी खबर आ रही है जिसे जानकर भारतीयों के खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा. भारत में जल्द ही यानि कुछ हफ्तों के अंदर इंडियन मार्केट में बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने वाला इंजेक्शन आने वाला है. इस इंजेक्शन का नाम 'इनक्लिसिरन' है. इसका इस्तेमाल विदेशों में 2 साल पहले से हो रहा है लेकिन अब भारत इस क्षेत्र में डेब्यू करने जा रहा है. इस इजेक्शन के बारे में कहा जा रहा है कि यह 50 प्रतिशत बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर देगा. जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा कम होगा.

  


भारत में हो चुका है इसका मेडिकल ट्रायल


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला इंजेक्शन इनक्लिसिरन 2 साल पहले लंदन और अमरेकिा में अप्रूव हो चुका है. अब इसी क्षेत्र में भारत डेब्यू करने जा रहा है. आने वाले कुछ सप्ताह में भारत में भी हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली इंजेक्शन इनक्लिसिरन मिलने लगेगी. इसी इंजेक्शन के दो डोज इसकी कीमत अमेरिका में 5 लाख का है. वहीं भारत में इसकी कीमत 1.25 लाख से 1.5 लाख पड़ेगी. 


वेस्ट के KEM हॉस्पिटल में इस इंजेक्शन का ट्रायल किया गया है. जिसमें साफ पता चला कि यह हाई कोलेस्ट्रॉल को 50 प्रतिशत तक कंट्रोल करने में मदद करता है.यह इंजेक्शन हार्ट अटैक को भी एक हद तक कंट्रोल करता है. यह बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने का काम करता है. अब तक दुनिया के अलग-अलग देशों में इसका ट्रॉयल किया गया है . जिसमें पाया गया है कि यह हार्ट अटैक को कम करने मदद करता है.  


 कोलेस्ट्रॉल-कम करने वाली दवा को एनएचएस पर उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है और इसे इंग्लैंड में सैकड़ों हजारों रोगियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. दवा, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर वाले लोगों को दी जाएगी, जिन्हें पहले दिल का दौरा या स्ट्रोक हुआ हो ताकि किसी अन्य को होने से रोका जा सके. यह अनुमान लगाया गया है कि इंक्लिसिरन 55 प्रतिशत तक दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोक सकता है. साथ ही इंग्लैंड में अगले 10 सालों के अंदर 30,000 लोगों की जान बचा चुकी है. 


इनक्लिसिरन दवाओं का इस्तेमाल


इनक्लिसिरन दवाओं की पूरी तरह से नई श्रेणी में से पहली है जो विशिष्ट अणुओं के उत्पादन को अवरुद्ध करने के लिए आरएनए हस्तक्षेप (जीन साइलेंसिंग दवाओं के रूप में जाना जाता है) का उपयोग करती है. यह रक्त से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को हटाने की लीवर की क्षमता को बढ़ाकर काम करता है.


इनक्लिसिरन को मंजूरी दिल के मरीजों के लिए अच्छी खबर है


इनक्लिसिरन को मंजूरी दिल के मरीजों के लिए अच्छी खबर है. मौजूदा हृदय रोग वाले रोगियों में एलडीएल या 'खराब' कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए साल में दो बार इंजेक्शन, जिनके कोलेस्ट्रॉल को स्टैटिन या अन्य दवाओं से पर्याप्त रूप से नियंत्रित नहीं किया जाता है, लोगों को आगे दिल के दौरे या स्ट्रोक होने से रोकने में मदद करेगा. इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है. 


इनक्लिसिरन बेहद आरामदायक इंजेक्शन है क्योंकि इसे त्वचा के नीचे एक साधारण इंजेक्शन द्वारा वर्ष में केवल दो बार देने की आवश्यकता होती है. इसके लाभों की पूरी सीमा की पुष्टि करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन मुझे आशा है कि भविष्य में इसे लोगों के एक बड़े समूह के लिए कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए भी मंजूरी दी जाएगी ताकि उन्हें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने से बचाया जा सके.


पूरे इंग्लैंड में जीपी सर्जरी में नर्सें इंक्लिसिरन को एक इंजेक्शन के रूप में दे सकेंगी, जिसका अर्थ है कि मरीज़ नियमित रूप से अस्पताल जाने से बच सकते हैं. शुरुआत में खुराक के बाद, दवा तीन महीने के बाद फिर से दी जाएगी और फिर साल में दो बार दी जाएगी.


नैदानिक ​​परीक्षणों के बाद एनएचएस में उपचार शुरू किया जा रहा है, जिसमें पता चला है कि इनक्लिसिरन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल नामक एक प्रकार के वसायुक्त पदार्थ के स्तर को कम करता है.


कोलेस्ट्रॉल रक्त में पाया जाने वाला एक फैट से भरपूर पदार्थ है जो स्वाभाविक रूप से लिवर में बनता है. कोलेस्ट्रॉल विभिन्न प्रकार के होते हैं - कुछ शरीर के ठीक से काम करने के लिए आवश्यक होते हैं और कुछ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. एलडीएल या 'खराब' कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर होने से हृदय और संचार संबंधी बीमारियों जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. 


ये भी पढ़ें: खाली पेट घी में खजूर भिगोकर खाना आज से ही शुरू कर दें, हफ्तेभर में दिखेगा फायदा