Tips For Healthy Heart: आजकल लोगों को 30-40 की उम्र में ही हार्ट और ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगी है. इसकी बड़ी वजह हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल है. गलत खान-पान और शरीरिक श्रम कम करने की वजह से लोगों को हार्ट की जुड़ी समस्याएं ज्यादा होने लगी हैं. उम्र में लोगों को हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ रहा है. हार्ट की समस्याएं होने का एक और कारण है जेनेटिक समस्या. अगर परिवार में 55 साल की उम्र से पहले किसी को हार्ट की समस्या जैसे हार्ट फे, हार्ट अटैक या स्ट्रोक हुआ है तो उसके परिवार में दूसरे लोगों को हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आपको बहुत ध्यान रखने की जरूरत है. हार्ट की बीमारियों के खतरे से बचने के लिए आपको लाइफस्टाइल में ये बदलाव करने चाहिए.


1- ब्लड शुगर को कंट्रोल- कुछ लोगों को डायबिटीज  होने के बाद हार्ट की समस्याएं होने लगती हैं. ऐसे में आपको ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना जरूरी है. अगर परिवार में किसी को हार्ट डिजीज रही हैं तो खासतौर से आपको ध्यान रखना चाहिए और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना चाहिए.


2- वजन कंट्रोल रखें- वजन बढ़ने पर हार्ट, डायबिटीज और कई तरह की दूसरी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में अगर आपके परिवार में आनुवांशिक कारणों से हार्ट डिजीज का खतरा है तो आपको अपने वजन को हमेशा कंट्रोल में रखने की जरूरत है. 


3- व्यायाम करें- हार्ट को स्वस्थ रखने और शरीर को फिट बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है. आपको थोड़ी देर योग या कोई भी कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. इससे दिल की बीमारियों से बचाव किया जा सकता है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए. इससे हार्ट संबंधी दिक्कतें भी कम होती हैं.


4- तंबाकू-सिगरे से दूरी- जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर जैसी बीमारी रही हैं उन्हें तंबाकू का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. तंबाकू और स्मोकिंग से दिल की बीमारी होने का खतरा माना जाता है. 


5- शराब न पीएं- फैमिली हिस्ट्री में हार्ट डिजीज होने पर आपको शराब से दूर रहना चाहिए. शराब पीने से दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा रहता है. इससे आपकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और शरीर जल्दी बीमार पड़ता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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