नई दिल्ली: शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो बच्चे समय से पहले जन्म ले लेते हैं, उनमें रोमांटिक होने, यौन संबंध बनाने और पिता बनने की संभावना उचित समय पर जन्म लेने वाले बच्चों की तुलना में कम होती है.



क्या कहती है रिसर्च-
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों के मामले में अग्रणी देश है, जहां शिशु 37 सप्ताह के गर्भ से पहले पैदा होते हैं और यह संख्या बढ़ रही है.

जामा नेटवर्क ओपन पत्रिका में छपे शोधपत्र के अनुसार, 44 लाख प्रतिभागियों पर किए गए शोध से पता चलता है कि जो लोग समय से पहले जन्मे, उनमें रोमांटिक संबंध बनाने की संभावना 28 प्रतिशत कम मिली. इसके अलावा ऐसे लोगों में अन्य साधारण लोगों की अपेक्षाकृत माता-पिता बनने की संभावना भी 22 प्रतिशत कम पाई गई.

क्या कहते हैं शोधकर्ता-
वारविक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि समय से पहले जन्म लेना कुछ हद तक शर्मीले स्वभाव, समाज से दूरी के अलावा किशोरावस्था में जोखिम लेने की कम संभावना से जुड़ा हुआ है.

विशेषज्ञों ने कहा कि समय से पूर्व जन्मे बच्चों को उनके स्कूल से लेकर माता-पिता द्वारा कम उम्र में ही सामाजिक संबंधों के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है, जिससे जब वह किशोरावस्था में कदम रख रहे होंगे तो उन्हें किसी से मिलने-जुलने और सामाजिक होने में मदद मिल सकेगी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
दिल्ली में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के कंसल्टेंट मनोचिकित्सक अमित गर्ग ने बताया कि पर्याप्त समय से पहले जन्म लेना ना केवल बच्चों की शारीरिक वृद्धि को प्रभावित करता है, बल्कि इससे मानसिक विकास पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. ये कुछ मामलों में जीवन भर के लिए होता है. एक शोध में कहा गया है कि ऐसे बच्चों के पोषण और अन्य संबंधित बीमारी के बारे में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए.

उन्होंने कहा, "समय से पहले पैदा हुए युवाओं को अपने जीवन में सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके रोमांटिक रिश्तों और बच्चे पैदा करने को प्रभावित कर सकता है."

ये खबर शोध और एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.