नई दिल्लीः मानसून सीजन आते ही बीमारियों का दौर शुरू हो जाता है. अभी दिल्ली में मानसून ठीक से आया भी नहीं लेकिन मच्छर जनित बीमारियों ने लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है. हाल ही में आई MCD की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है.



MCD की रिपोर्ट -
दिल्ली में डेंगू-मलेरिया के मरीज दिनोदिन बढ़ते जा रहे हैं. MCD की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, मलेरिया के 162 केस दर्ज हुए हैं और चिकनगुनिया के 161 लोग शिकार हो चुके हैं. वहीं 8 जुलाई तक डेंगू 100 का आकड़ा पार कर चुका है. चिकनगुनिया के 161 मामलों में से 12 मामले पिछले महीने ही दर्ज किए गए थे.

कैसे होता है डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया-
डेंगू और चिकनगुनिया साफ पानी में पैदा होते है. ये बीमारियां एडीज एजिप्टी मच्छर के कांटने के कारण होती है. वहीं दूसरी तरफ मलेरिया एनोफ़ेलीज़ मच्छर के कांटने से होता है और ये मच्छर गंदे पानी में पैदा होता है.

इस साल डेंगू के कुल मामले-
शहर में बढ़ती गंदगी इन बीमारियों को बढ़ावा दे रही है. मानसून सीजन में गलियों में पानी भर जाता है जिसके कारण मच्छर पैदा होने लगते है और बीमारियां फैलती है. इस साल डेंगू के जनवरी में छह केस, फरवरी में चार, मार्च में 11 और अप्रैल में ऐसे कई केस दर्ज हुए है. वहीं 2016 तक डेंगू के 4,431 केस दर्ज हुए थे.

पिछले साल मच्छर जनित बीमारियों से हुईं ये मौतें-
पिछले साल कई हॉस्पिटल्स की रिपोर्ट के अनुसार, चिकनगुनिया से कम से कम 15 लोगों की मौत हुई लेकिन सरकार ने 0 का आंकडा बताया. वहीं डेंगू से मरने वाले 21 लोगों का आंकडा SDMC ने 10 बताया, इनमें से 9 मामले एम्स के ही थे. मलेरिया से मरने वालों की गिनती 17 रिकॉर्ड हुई. दिसंबर 2016 तक कुल 12,221 चिकनगुनिया के केस दर्ज हुए जिसमें से 9,749 कन्फर्म बताए गए. ये खतरनाक बीमारियां जुलाई से लेकर दिसंबर तक दस्तक देती रहती है.

सरकार ने उठाए ये कदम-





  • SDMC ने कमजोर क्षेत्रों में डेंगू मच्छर को कंट्रोल करने के लिए 200 डेंगू ब्रीडिंग चैकर्स तैनात करवाए हैं.

  • नगर निगम ने भी डेंगू बुखार को कंट्रोल करने के लिए कदम उठाए हैं. जगह-जगह पर्चे बटवाएं हैं. इतना ही नहीं, MCD ने लाउड स्पीकर पर डेंगू से कैसे बचें ये बता कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

  • 23 जून 2017 को दिल्ली सरकार ने प्राइविट हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम को 20% बैड आने वाले महीनों तक बढ़ाने का आदेश दिया है ताकि डेंगू और चिकनगुनिया से जूझ रहे लोगों का इलाज समय से हो सके.

  • सरकार ने नॉन स्टेरिओडल ड्रग (Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs) जैसे एस्पिरिन और ब्रुफिन दवाओं को बैन कर दिया है क्योंकि इन दवाओं से डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों को साइड-इफेक्टस का सामना करना पड़ता था.

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछली बैठक में तीनों म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और दिल्ली सरकार के साथ मिलकर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया को कंट्रोल करने के लिए चर्चा की.

  • केजरीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नाडा को भी लिखते हुए सरकारी हॉस्पिटल में 10% बैड डेंगू और चिकनगुनिया मरीजों के लिए रिज़र्व करने की गुजारिश की.