Monkeypox : मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच इस समस्या से जुड़े कई तरह के सवाल लोगों के मन में दौड़ रहे हैं. इन सवालों में एक अहम सवाल यह है कि मंकीपॉक्स वायरस है या कोई बीमारी? इस विषय की जानकारी के लिए हमने नोएडा स्थित मैक्स हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉक्टर गुंजन मित्तल से बातचीत है. डॉक्टर का कहना है कि मंकीपॉक्स एक वारयस (What is Monkeypox) है, जो जानवरों से इंसानों में फैली है. इसके अधिकतर लक्षण स्मॉलपॉक्स की तरह हैं. हालांकि, यह स्मॉलपॉक्स की तुलना में कम गंभीर माना जा रहा है. डब्यूलएचओ (WHO) द्वारा भी इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि मंकीपॉक्स के लक्षण भले ही स्मॉलपॉक्स की तरह हैं, लेकिन यह स्मॉलपॉक्स से कम गंभीर है. 


क्या कहती हैं एक्सपर्ट?


डॉक्टर गुंजन मित्तल का कहना है कि मंकीपॉक्स वायरस एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए (Double-Stranded DNA virus ) वायरस है, जो पॉक्सविरिडे परिवार के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है. 


मंकीपॉक्स वायरस के दो अलग-अलग आनुवंशिक समूह हैं: मध्य अफ्रीकी (कांगो बेसिन) क्लैड और पश्चिम अफ्रीकी क्लैड. कांगो बेसिन क्लैड यानी मध्य अफ्रीकी से फैला वारयस अधिक गंभीर और काफी संक्रामक माना जाता है. 


किन जानवरों से फैल सकता है मंकीपॉक्स?


डॉक्टर का कहना है कि जानवरों की विभिन्न प्रजातियों से मंकीपॉक्स वायरस फैल सकता है. इसमें कांगो रस्सी गिलहरी, पेड़ गिलहरी, गैम्बियन पाउच वाले चूहे, डॉर्मिस इत्यादि प्रमुख प्रजातियां शामिल हैं. हालांकि, मंकीपॉक्स वायरस के प्राकृतिक इतिहास के बारे में सटीक रूप से कहना थोड़ा मुश्किल है. डॉक्टर का कहना है कि मंकीपॉक्स वारयस की संपूर्ण जानकारी के लिए अभी और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है. इसपर फिलहाल कई रिसर्च किए जा रहे हैं. 


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