आज दुनिया में ज्यादातर लोग जिस बीमारी का आसानी से शिकार हो जाते हैं वो बीमारी है डायबिटीज...हर कोई इस बीमारी से इतना परेशान है कि इस बीमारी के सीथ जीना अब लोगों की मजबूरी हो चुकी है. एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में लगभग 43 करोड़ लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं. इनमें से लगभग 7 करोड़ लोग इंसुलिन के इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में अब डायबिटिक मरीजों के लिए राहत भरी खबर ये है कि वैज्ञानिकों ने इंसुलिन के इंजेक्शन का तोड़ निकालने का दावा किया है. जी हां अब जल्द ही इंसुलिन चॉकलेट भी मार्केट में आ सकती है. क्या है दावा आइए आपको बताते हैं, लेकिन उससे पहले आप यह जान लें कि इंसुलिन आखिर होता क्या है.


क्या होता है इंसुलिन
इंसुलिन हमारे शरीर में रिलीज होने वाला एक तरह का हार्मोन है जो शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है और जब इस हार्मोन का असंतुलन हमारे शरीर में होता है तो उससे पैदा होती है डायबिटीज जिसे ब्लड शुगर या फिर मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है. डायबिटीज की एक स्टेज ऐसी भी होती है जब हमारा शरीर इंसुलिन बनाना ही बंद कर देता है और तब जरूरत पड़ती है इंसुलिन के इंजेक्शन की.


क्या है इंसुलिन चॉकलेट 
दरअसल वैज्ञानिकों ने शुगर के मरीजों के लिए एक खास तरह की चॉकलेट बनाई है जो इंसानी शरीर में इंसुलिन की जरूरत को पूरा करेगी. UIT आर्कटिक यूनिवर्सिटी ऑफ नार्वे और यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी ने साथ मिलकर इसे तैयार किया है.


क्या खास है चॉकलेट में
सिडनी और नार्वे यूनिवर्सिटी की यह रिसर्च नेचर नैनो टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई जिसमें बताया गया कि अब शुगर मरीज चॉकलेट या कैप्सूल लेकर भी अपनी इंसुलिन की जरूरत को पूरा कर सकते हैं. इस चॉकलेट में इंसानी बाल से भी ज्यादा बारीक नैनो कैरियर हैं जिनमें इंसुलिन मौजूद है. जब शुगर प्रोसेस हुए बिना आपके शरीर की सेल्स में ना जाकर खून में ही सर्क्युलेट होने लग जाए तब आपको ऐसी दवाओं की जरूरत पड़ सकती है.


क्या है नैनो कैरियर
नैनो कैरियर को लेकर काफी समय से सोचा जा रहा था, लेकिन इसमें दिक्कत ये थी कि नैनो कैरियर में इंसुलिन भरकर अगर इसका सेवन किया जाएगा तो यह पेट में मौजूद एसिड के संपर्क में आने से टूट जाएगा और अपने टारगेट तक नहीं पहुंच पाएगा. UIT आर्कटिक यूनिवर्सिटी ऑफ नार्वे के प्रोफेसर पीटर मैककोर्ट बताते हैं कि हमने एक ऐसी कोटिंग इजाद कर ली है जो पेट में एसिड के संपर्क में आने से भी नहीं टूटेगी.


क्या सुरक्षित है इंसुलिन चॉकलेट का सेवन
इस पर प्रोफेसर पीटर मैककोर्ट बताते हैं कि इंसुलिन लेने का यह तरीका ज्यादा अच्छा है क्योंकि इससे इंसुलिन शरीर के उन एरिया में तेजी से जाता है जहां इसकी ज्यादा जरूरत है. वहीं इंजेक्शन से इंसुलिन लेने पर यह शरीर के सभी हिस्सो में चला जाता है जिससे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.


कब तक उपलब्ध होगी इंसुलिन चॉकलेट
प्रोफेसर बताते हैं कि अभी इसका प्रयोग जानवरों पर किया जा रहा है. 2025 तक इसका टेस्ट इंसानों पर शुरू किया जाएगा. लगभग 2-3 सालों में यह आम लोगों तक पहुंचा दी जाएगी.


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