Kids Diet Chart: बच्चों की परवरिश करना जितना जरूरी है, उतना ही यह कठिन टास्क भी है. ज्यादातर मांओं की यही कंप्लेंट होती है कि हमारा बच्चा कुछ खाता नहीं है और अगर हम उसे कुछ खिलाते हैं तो उसके शरीर पर लगता नहीं है और वह कमजोर और दुबला पतला ही रहता है. आपको बता दें कि इस समय के अनुसार बच्चे की डाइट में परिवर्तन करना और उनकी डाइट में अलग-अलग चीजों को शामिल करना बहुत जरूरी होता है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आपको अपने नवजात शिशु से लेकर अपने 3 साल तक के बच्चे को क्या, कितना और कैसे खिलाना चाहिए.

 

6 महीने तक के बच्चों को क्या खिलाएं

1. पैदा होने से लेकर 6 महीने तक के बच्चे को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि मां को सही तरीके से दूध नहीं बन पाता तो आप मदर मिल्क को पंप करके उन्हें पिला सकती हैं या फिर पाउडर मिल्क दे सकते हैं.

2. जब बच्चा डिमांड करें आपको उन्हें तभी दूध पिलाना चाहिए आप हर समय उन्हें दूध नहीं पिला सकते हैं. 24 घंटे में आप नवजात बच्चों को 8 से 10 बार दूध पिला सकते हैं.

3.  इस दौरान बच्चे को कोई सप्लीमेंट, ग्राइप वॉटर, डाबर जन्म घुट्टी, फ्रूट जूस देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उन्हें यह सारी चीजें मां के दूध से मिल जाती है.

 

इन चीजों का रखें ध्यान

- स्तनपान कराने वाली मां यदि शाकाहारी है तो उसे अपनी डाइट में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए.

- दूध और अंडा विटामिन b12 की कमी को पूरा करता है, लेकिन अगर मां शाकाहारी है तो विटामिन b12 फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.

- इसके अलावा स्तनपान करवाने वाली मां को अखरोट, सोया उत्पाद, अलसी इन सारी चीजों को भी अपने डाइट में शामिल करना चाहिए, जिससे बच्चे को सारे पोषक तत्व मिल सके.

 

6 से 9 महीने के बच्चे की डाइट

1. 6 से 9 महीने के बच्चों को आप अपने दूध के साथ कुछ चीजें डाइट में शामिल कर सकती हैं. जैसे- दलिया, दाल का पानी, चावल. लेकिन एक बार में बच्चे को एक ही फूड आइटम दें. अलग अलग चीजें देने से उसके पाचन तंत्र में समस्या हो सकती है.

2. 6 से 9 महीने तक के बच्चों को आप दो से तीन चम्मच दलिया दिन में दो से तीन बार दे सकते हैं. एक टेबलस्पून की क्वांटिटी 30ml के करीब होनी चाहिए.

3. अगर आप बच्चे को इस दौरान ब्रेस्टफीड नहीं करवा रही हैं तो आप एक या दो कप दूध के साथ उन्हें कुछ फ्रूट जूस भी दे सकती हैं. जिसकी मात्रा 150 एमएल तक होनी चाहिए, लेकिन याद रखें कि फ्रूट जूस में शक्कर मिली हुई नहीं होनी चाहिए. आप उन्हें घर का फ्रेश जूस ही दें.

 

9 से 12 महीने के बच्चों को दें यह डाइट

1. 9 से 12 महीने के बच्चों के थोड़े-थोड़े दांत आने लगते हैं और वह छोटी-छोटी चीजों को चबा सकते हैं. ऐसे में आप उन्हें मैश किया हुआ या थोड़ा दानेदार अनाज दे सकते हैं.

2. 9 से 12 महीने के बच्चे को आप तीन से चार बार दूध, दलिया, दाल-चावल या मैश की हुई रोटी और सब्जी दे सकते हैं. अगर आप बच्चे को ब्रेस्टफीड नहीं करा रहे हैं तो आप दिन में उसे दूध और 1 या 2 एक्स्ट्रा स्नैक्स उसकी डायट में शामिल कर सकती हैं

 

12 से 23 महीने तक के बच्चों की डाइट

1. एक साल के बाद बच्चे काफी कुछ खाना शुरू कर देते हैं. इस दौरान उनका टेस्ट भी पूरी तरह से डेवलप हो जाता है. इस दौरान आप अपने बच्चों को ऐसी चीजें दे सकते हैं, जो वह अपने हाथ से ही खा सकें.

2. आप उन्हें छोटी-छोटी लगभग 200ml की मील दिन में 4 से 5 बार दे सकती हैं.

3. इस दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना है कि अगर बच्चा और डिमांड करता है तो आप उसे थोड़ी सी मात्रा में खाने की या पीने की और चीज दे सकते हैं. इस दौरान उसमें सेल्फ ईटिंग की हैबिट भी डेवलप करें.

 

2 से 3 साल के बच्चे की डाइट

1. 2-3 साल के बच्चों के लगभग पूरे दांत आ जाते हैं. इस दौरान वह सारी चीजें अच्छे से चबाकर खा पाते हैं. आप बच्चे को एक मील में 250 से 300 ML तक की क्वांटिटी दे सकते हैं या बच्चे की डाइट के हिसाब से इसे बढ़ा सकते हैं.

2. बच्चे को अपने हाथ से दूध पीने की हैबिट डेवलप कराएं और उसे चम्मच से अपने हाथ से ही खाने दें.

 

बच्चों को खिलाने के दौरान क्या करें

- जब आप बच्चे को कोई नया फूड देते हैं तो उसको इंटरएक्टिव बनाएं.

- किसी भी खाद्य पदार्थ को बच्चे की डाइट से पूरी तरह से बंद करने से पहले कम से कम 8 से 15 बार उसके सामने वह भोजन पेश करें.

- पेरेंट्स को बच्चों के साथ बैठकर खाना खाना चाहिए. इससे उनमें ईटिंग हैबिट्स डिवेलप होती है.

- बच्चा जब भी कुछ अपने हाथ से खाए तो आपको वहां पर मौजूद होना चाहिए, ताकि आप बचे की हर एक एक्टिविटी पर ध्यान रख सके.

- बच्चे को खाना खिलाते समय उसके हाथ में कभी भी मोबाइल ना दें और ना ही उसे टीवी देखने दें.

 

-बच्चों को खाना खिलाते समय क्या नहीं करें

- 1 साल की उम्र तक बच्चे को पूरा गाय या बकरी का दूध ना दें. कोशिश करें कि आप उसे मां का दूध ही पिलाएं. अगर नहीं होता तो आप उसे फॉर्मूला मिल्क दे सकते हैं.

- बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतलों का इस्तेमाल ना करें. इससे इंफेक्शन हो सकता है.

- जब आपका बच्चा कुछ खाने लगे तो उसे जंक फूड बिल्कुल ना दें. इसमें मेगी, बर्गर, पिज़्ज़ा इन सारी चीजों से उसे दूर रखें.

 

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