जब कोई नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित होता है, तो उसका शरीर वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पैदा करता है. वैज्ञानिकों ने अब तस्वीर को पूरी तरह साफ कर दिया है कि कैसे ये एंटीबॉडीज संक्रमण की वजह के जिम्मेदार वायरस के हिस्से को निष्क्रिय करते हैं. साइंस पत्रिका में ऑस्टिन के टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की खोज को अच्छी खबर बताया गया है. इसलिए कि वायरस के वेरिएन्स्ट्स या भविष्य में उभरनेवाले कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन की अगली पीढ़ी का डिजाइन बनाया जा सकेगा.


भविष्य में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन की अगली पीढ़ी का मिला संकेत


पूर्व के रिसर्च में एंटीबाडीज के एक ग्रुप पर फोकस किया गया था जो कोरोना वायरस के सबसे स्पष्ट हिस्से स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाता है. कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) कहा जाता है. आरबीडी स्पाइक प्रोटीन का वो हिस्सा होता है जो सीधे इंसानी कोशिकाओं से जुड़ता है और वायरस को संक्रमित करने में सक्षम बनाता है, जिसे इम्यून सिस्टम का प्राथमिक लक्ष्य माना गया था. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके चार लोगों के ब्लड प्लाज्मा सैंपल की जांच के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्लड में घूम रहे ज्यादातर एंटीबॉडीज आरबीडी से बाहर वायरल स्पाइक प्रोटीन के इलाकों को निशाना बनाता है यानी औसतन करीब 84 फीसद और स्पष्ट रूप से ये अच्छे कारण के लिए है.


शोधकर्ताओं का कहना है कि ये एंटीबॉडीज पूरी स्पाइक को पेंट करती हैं. इम्यून सिस्टम तमाम स्पाइक को देखता है और उसे निष्क्रिय करने की कोशिश करता है. गैर आरबीडी निर्देशित एंटीबॉडीज में से ज्यादातर वायरस के खिलाफ स्पाइक प्रोटीन के एक हिस्से में एक क्षेत्र को निशाना बनाकर मजबूत हथियार के तौर पर काम करते हैं. ये एंटीबॉडीज वायरस को सेल कल्चर में निष्क्रिय करते हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि वायरस और इम्यून सिस्टम के बीच क्रांतिकारी मुकाबला जारी है. हम लोग इस वायरस के खिलाफ एक मानक इम्यून रिस्पॉन्स विकसित कर रहे हैं. इम्यून सिस्टम के फायदे के लिए ये आशाजनक है.


ये वैक्सीन बूस्टर या कंसर्न ऑफ वेरिएन्ट्स के खिलाफ अगली पीढ़ी की वैक्सीन की डिजाइनिंग के लिए अच्छी खबर है. यहां तक कि वैक्सीन का निर्माण कोरोना वायरस के अन्य स्ट्रेन से भविष्य की महामारी के खिलाफ रक्षा दे सकता है. इसका मतलब हुआ कि हमारे पास कोविड-19 वैक्सीन की अगली पीढ़ी को तैयार करने के लिए मजबूत तर्क है. टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अब न सिर्फ कोरोना वायरस बल्कि सभी प्रकार के कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए सिंगल कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने का लक्ष्य रख रहे हैं.


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