Cardiophobia : आजकल दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. लोग अवेयर भी हुए हैं और लक्षण नजर आने पर डॉक्टर के पास भी जा रहे हैं लेकिन कुछ मामलों में नॉर्मल चेस्ट पेन में भी लोगों को हॉस्पिटल के चक्कर लगाते देखा जा रहा है. इस तरह की जागरुकता ठीक भी है लेकिन अगर जांच में पता चल गया है कि आपका हार्ट पूरी तरह फिट है, ऐसे में छाती में दर्द को हार्ट अटैक मानकर घबरा जाना दिल की नहीं दिमागी बीमारी है, जिसे कार्डियोफोबिया (Cardiophobia) कहा जाता है. आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी और क्या हैं खतरे...

 

कार्डियोफोबिया क्या है

डॉक्टरों का कहना है कि कार्डियोफोबिया एक तरह का स्ट्रेस डिसऑर्डर है, जो हार्ट से जुड़ी बीमारियों को लेकर मन में डर बना देता है. शुरुआत में तो इसमें कोई दिक्कत नहीं लेकिन समय के साथ यह डर खतरनाक होता जाता है और मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. इसके कारण दिमाग में एक अलग तरह का फोबिया बन जाता है. ऐस में व्यक्ति का हार्ट भले ही पूरी तरह हेल्दी हो लेकिन छाती में सामान्य दर्द को भी हार्ट अटैक का लक्षण मानकर बार-बार डॉक्टर के पास चले जाते हैं.

 

कार्डियोफोबिया बढ़ने का कारण

कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक, पिछले कुछ समय में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं. इसकी वजह से लोग कार्डियोफोबिया का शिकार बन रहे हैं. ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही मेंटल हेल्थ की समस्या है, उनमें कार्डियोफोबिया ज्यादा हो सकता है. कुछ मामलों में किसी तरह की एंग्जाइटी की वजह से भी कार्डियोफोबिया हो सकता है.  ऐसे में जरूरी है कि हार्ट डिजीज और सामान्य समस्याओं के बीच का अंतर सही तरह समझा जाए.

 

हार्ट की बीमारी और सामान्य समस्याओं के बीच का अंतर

डॉक्टर के मुताबिक, हार्ट अटैक के लक्षणों में आमतौर पर सीने में गंभीर और लगातार होता है, बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ होती है, कुछ लोगों को मतली और ठंडा पसीना भी आ सकता है, जबकि कार्डियोफोबिया होने पर दिल की धड़कन बढ़ने की समस्या होती है. अगर हार्ट की समस्या है तो सीने में दर्द कभी भी हो सकता है लेकिन कार्डियोफोबिया में किसी मेंटल स्ट्रेस के दौरान महसूस होता है कि सीने में दर्द हो रहा है, जबकि ऐसा कोई दर्द होता ही नहीं है. बार-बार ऐसा सोचने की वजह से होने लगता है.

 

कार्डियोफोबिया से कैसे बचें

1. अगर हार्ट की सभी जांच करा ली है और कोई बीमारी नहीं है तो सीने में दर्द को कभी भी हार्ट अटैक के लक्षण न मानें.

2. अगर फोबिया दिमाग में बन गया है तो मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लें.

3. सीबीटी से इसका इलाज आसानी से हो सकता है.

4. लाइफस्टाइल और खानपान को सुधारकर इससे बच सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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