सर्दियां ज़्यादातर लोगों के शरीर में आलस भर देती हैं. जिसकी वजह से देर तक या ज़्यादा सोने में सुकून और सुबह जल्दी उठाने में तकलीफ होती है. वैसे तो इसके पीछे की वजह आजकल खराब लाइफस्टाइल है, लेकिन साइंस और बायोलॉजिकल रीज़न्स को भी इसका ज़िम्मेदार ठहराया गया है. इसके अलावा, एक बड़ा कारण नेचुरल सेटअप को भी माना जाता है. क्योंकि कहीं न कहीं, इसी नेचुरल सेटअप से हमारी मेंटल और फिजिकल एक्टिविटीज जुड़ी होती हैं और यही कारण बनता है लोगों के सर्दियों में बाकी मौसम की तुलना में ज़्यादा सोने का.


सर्दियों में ज़्यादा नींद आने के कारण:-

1. मेलाटोनिन का बढ़ा हुआ स्तर
माना जाता है कि नींद को कंट्रोल करते हैं रौशनी और अँधेरा. जब भी दिमाग का एक पर्टिकुलर हिस्सा रौशनी के कॉंटेक्ट में आता है तो वो अचानक ही एक्टिव हो जाता है. ये वो हिस्सा होता है जो मेलाटोनिन, बॉडी टेम्परेचर और हार्मोन को कंट्रोल करता है. इन्हीं तीनों की वजह से बॉडी में नींद इन्फ्लुएंस होती है. मलाटोनिन की बात करें, तो ये नींद बढ़ाती है.



2.तापमान में गिरावट
नींद ज़्यादा आने की एक वजह तापमान भी है. बसिकली, बॉडी को नींद की स्टेज में पहुंचाने के लिए उसे ठंडा करना पड़ता है. इसलिए जब सर्दी बढ़ती है, तो आपको ज़्यादा और अच्छी नींद आती है.


3. हार्मोनल इम्बेलेंस
सर्दियों में अक्सर लोग अपने घरों को बंद रखते हैं और आर्टिफिशयल इलेक्ट्रॉनिक लाइट्स का इस्तेमाल करते हैं, जो कि नेचुरल हार्मोनल बैलेंस को बाधित करता है और नींद बढ़ाने वाले हार्मोन को ट्रिगर करता है.


4.सर्दियों का खान-पान
सर्दियों में खाया जाने वाला खाना गर्मियों के मुकाबले गर्म और ज़्यादा एनर्जी भरा होता है. ऐसे में जब आप अपने शरीर को गर्म रखने के लिए और ज़्यादा खाना खाते हैं तो ये आपके बॉडी में टेम्परेचर को बैलेंस करता है, जिससे बॉडी आराम में आ जाती है और नींद आने लगती है.


5. गलत लाइफस्टाइल
सर्दियों में ज़्यादातर लोग फिजिकल एक्टिविटीज करने से बचते हैं. ऐसे में जितनी ज़्यादा सर्दी बढ़ती जाती है, उतनी ही बॉडी स्थिर होती जाती है. जिसकी वजह से बॉडी में फैट और कार्ब्स पैदा होने लगते हैं. जो नींद बढ़ाने का काम करते हैं.


ऐसे उठ सकते हैं आप सुबह जल्दी
- रात को सोने से पहले और सुबह उठते ही पानी पिएं, इससे शरीर को जगाने में आसानी होती है.
- एक्टिव रहने के लिए एक्सरसाइज करें, जो बॉडी रूटीन को सेट करने में मदद करेगा.
- कुछ दिन लगातार एक ही वक्त पर सोकर और जागकर बॉडी क्लॉक को सेट करने की कोशिश करें.
- बिस्तर से उठने के कुछ देर बाद ही नहा लें. जिससे आपके बॉडी टेम्परेचर में बदलाव होगा और आप एक्टिव महसूस करेंगे.
- आलस से बचने के लिए हेल्दी और हल्का भोजन लें.