Home Remedies For Chikungunya Treatment: मच्छर सिर्फ खुजली, काटने की जलन और बेसुरा संगीत ही नहीं देते हैं बल्कि चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारी भी देते हैं. चिकनगुनिया एक बुखार है और वायरल डिजीज है. यदि किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो चुकी है तो अगले करीब एक सप्ताह तक उस व्यक्ति को काटने वाले मच्छर इस बीमारी के वायरस को अन्य लोगों में भी ट्रांसफर कर सकते हैं. इसलिए परिवार में किसी एक भी व्यक्ति का इस बुखार से पीड़ित होना, पूरे परिवार के लिए एक तरह कि सेहत संबंधी चेतावनी होती है. 


मच्छर के काटने से कई तरह के बुखार होते हैं और किसी भी आम इंसान के लिए सही बुखार की पहचान करना आसान काम नहीं है. इसलिए यदि किसी को बुखार के साथ यहां बताए जा रहे लक्षण नजर आएं तो इस बात की पूरी संभावना होती है कि उसे चिकनगुनिया फीवर है...


1. तेज बुखार: जब किसी व्यक्ति को चिकनगुनिया से संक्रमित मच्छर काट लेता है तो उसे दो से सात दिन के अंदर तेज बुखार हो सकता है. यानी किसी को यह दो दिन के अंदर आ सकता है जबकि किसी अन्य को 7 दिन के बाद.


2. जोड़ों में दर्द: हाथ की उंगलियों से लेकर शरीर के हर जॉइंट में दर्द महसूस होता है.


3. त्वचा पर रैशेज: पहले बुखार और जोड़ों में दर्द और इसके दो दिन बाद त्वचा पर रैशेज की समस्या होती है. ये रैशेज खासतौर पर पैरों में नजर आते हैं और इनमें खुजली भी होती है. बाद में ये हाथों में भी फैल जाते हैं.


4. बहुत अधिक थकान: चिकनगुनिया बुखार में इतनी अधिक कमजोरी लगने लगती है कि व्यक्ति के लिए घर के अंदर ही चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है. कई बार तो बिस्तर पर ही करवट बदलने में भी समस्या होती है.


5. मितली आना: चिकनगुनिया  वायरस के कारण पेट में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं, जिनके कारण जी खराब होने लगता है और मितली की समस्या होने लगती है.


6. पाचन की समस्या: पेट और पाचन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं, जिससे भूख प्रभावित होती है.
सूजन की समस्या: दर्द के बाद शरीर के जॉइंट्स में सूजन आने की समस्या भी हो सकती है. 


7. न्यूरॉलजिकल समस्याएं: कुछ लोगों में आंखों समस्या हो सकती है तो कुछ लोग हार्ट से जुड़ी परेशानी की चपेट में आ सकते हैं.


चिकनगुनिया के इलाज के घरेलू उपाय क्या हैं?


एप्सम सॉल्ट (Epsom salt): इसे आप बॉथ सॉल्ट के नाम से भी जानते हैं. कैमिस्ट्री की दुनिया में इसे मैग्निशियम सल्फेट (Magnesium sulfate)कहा जाता है. इस नमक को गर्म पानी में मिलाकर इस पानी में पैर डालकर बैठने से या बॉडी सोक करने से बहुत आराम मिलता है. क्योंकि इसमें सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करने की क्षमता होती है. साथ ही इस पानी में सोक करने से शरीर में रक्त का प्रवाह (Blood Circulation)बढ़ता है.


हल्दी और अदरक का सेवन करें: हल्दी कई रोगों का रामबाण इलाज है. बस पीलिया के दौरान इसका सेवन मुख्य रूप से नहीं किया जाता है और कुछ अन्य बीमारियों में इसे लेने की मनाही होती है, जिनके बारे में रोगी को डॉक्टर्स खुद ही बता देते हैं. लेकिन चिकनगुनिया में हल्दी का सेवन बहुत लाभ देता है. यह दर्द को कम करती है, जोड़ों की सूजन में राहत देती है और रिकवरी स्पीड को बढ़ाती है. यही कार्य अदरक भी करता है.


नारियल पानी का सेवन: चिकनगुनिया होने पर रोगी को नारियल पानी जरूर पिलाना चाहिए. इससे शरीर में हाइड्रेशन भी रहता है और जरूरी पोषक तत्व भी मिलते रहते हैं. आमतौर पर चिकनगुनिया का वायरस पूरे शरीर को प्रभावित करने के बाद लिवर पर बहुत बुरा असर डालता है, नारियल पानी का सेवन लिवर को डैमेज होने से बचाता है और रिकवरी रेट को बढ़ाता है.


तुलसी पत्ती का सेवन: बुखार कम करने, इम्युनिटी को बढ़ाने और रिकवरी को तेज करने के लिए रोगी को तुलसी के पत्तों का सेवन कराना चाहिए. तीन-चार पत्ते एक साथ दे दें और रोगी इन्हें चबाए. ऐसा दिन में दो बार करें. या फिर तुलसी का काढ़ा बनाकर भी रोगी को दिया जा सकता है.


शहद और सूरजमुखी के बीज: आप सूरजमुखी के बीजों का पाउडर लें और इसे शहद में मिलाकर इसका सेवन करें. ऐसा करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है और तबीयत जल्दी ठीक होती है. क्योंकि सूरजमुखी के बीजों से जिंक और विटामिन-ई मिलता है तथा शहद से ऐंटिऑक्सिडेंट्स के साथ अन्य पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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