Diabetes Treatment: डायबिटीज लाइफ स्टाइल से जुड़ी डिसीज है. व्यक्ति का खानपान सही नहीं होता है. फिजिकल एक्टिविटी न होना जैसे कारक डायबिटीज रोग के लिए जिम्मेदार होते हैं. एक बार डायबिटीज होने पर जीवनभर गोली खानी पड़ती है. चूंकि ब्लड मेें इंसुलिन मौजूद नहीं होता है. गोली यही इंसुलिन बढ़ाने का काम करती है. शुगर पेशेंट का ग्लूकोज लेवल घटता बढ़ता रहता है. ऐसे में शुगर को लेकर बेहद कांशियस होेने की जरूरत है


डायबिटीज की राजधानी है भारत


भारत को वैश्विक स्तर पर डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है. इसके पीछे वजह है कि भारत में दुनिया में सबसे अधिक 7.7 करोड़ से ज्यादा लोग रोग से पीड़ित हैं. डायबिटीज नियंत्रण करने के लिए सबसे पहले डेली लाइफ स्टाइल ही सुधारनी होती है. इससे हर दिन घटने बढ़ने वाला शुगर लेवल नियंत्रित रहता है. 


इस वजह से घटता बढ़ता है शुगर


शुगर का घटना बढ़ना पेशेंट के खानपान पर निर्भर करता है. किस तरह का और कब खाना खा रहे हैं. इससे शुगर लेवल घटता बढ़ता रहा है. यदि हाई कार्ब्स युक्त खाना खा रहे हैं तो इससे ब्लड शुगर बहुत तेजी से बढ़ता है. यदि खाना खाने में देरी हो जाती है तो शुगर लेवल लो हो जाता है. इससे शुगर लेवल मैंटेन करने के लिए समय पर खाना खाएं. 



बचाव के लिए फिजिकल एक्टिविटी करें


एक्सरसाइज, योगा, पैदल चलने, दौड़ने या कोई काम करने का असर ग्लूकोज लेवल पर पड़ता है. इससे शुगर लेवल तुरंत घटता बढ़ता नहीं है, बल्कि नियंत्रित रहता है. यदि फिजिकल एक्टिविटी बिल्कुल नहीं है और खानपान अधिक है तो शुगर लेवल बहुत तेजी से बढ़ सकता है. 


सही समय पर दवा लें


शुगर पेशेंट को हर दिन टेबलेट लेनी होती है, इसलिए दवा का सेवन डॉक्टर के बताए समय पर ही करना चाहिए. ऐसा करने से ब्लड शुगर के लेवल में उतार चढ़ाव कम होता है. दिन भर पेशेंट फिट रहता है. 


अनावश्यक तनाव न लें


अनावश्यक तनाव लेने पर बॉडी ऐसे हार्माेंस रिलीज करती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है. इसलिए दिनभर तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें. इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है. 


पूरी नींद लें


एक स्वस्थ्य व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. इस संबंध में वर्ष 2011 में डायबिटीज केयर जर्नल में स्टडी पब्लिश की गई. नींद सही न होने से ग्लाइसेमिक लेवल बढ़ जाता है. शुगर नियंत्रण के लिए ग्लाइसेमिक लेवल नियंत्रित होना बहुत जरूरी है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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