नयी दिल्लीः दिल्ली में कल वायु प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया जिसके साथ वायु गुणवत्ता खतरनाक हो गयी. एजेंसियों के अनुसार यह हवा स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक है.



कल का पार्टिकुलेट मैटर-
सेंटर कंट्रोल रूम फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के अनुसार, कल दोपहर हवा में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 और पीएम10 की सघनता क्रमश: 478 एवं 713 थी.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक 460 दर्ज किया जो परसो 403 था. सबसे ज्यादा मौजूदगी पीएम2.5 और कार्बन मोनोऑक्साइड की थी.

लोगों को हुई तकलीफ-
लोगों ने अपनी आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की है जिससे स्थिति की गंभीरता का पता चलता है.

केंद्र संचालित सफर (सिस्टम फॉर एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) की पीएम2.5 की रीडिंग भी 400 से ज्यादा थी. यह भी गंभीर श्रेणी में आता है.

क्या है कारण-
सीपीसीबी और सफर के वैज्ञानिकों ने कहा कि प्रदूषण में ताजा वृद्धि की वजह उत्क्रमण परत (वह परत जिसके बाहर प्रदूषक वातावरण के ऊपरी परत नहीं जा सकते) में गिरावट है जो न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान में तेजी से आयी कमी के कारण हुआ.

सीपीसीबी की वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा कि कोहरा असल में धूल और नमी का मिश्रण है. बादल की घनी चादर के बनने से भी नमी में वृद्धि हुई और न्यूनतम एवं अधिकतम दोनों तापमान में कमी हुई है.

आने वाले दो दिनों में हो सकता है कम-
हालांकि ये कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली में 14 और 15 नवंबर को हल्का बूंदाबांदी हो सकती है जिससे प्रदूषण कम हो सकता है.