कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर हाल ही में एक नई रिसर्च सामने आई है. इस रिसर्च में खुलासा हुआ है कि किसी व्यक्ति को अगर एक बार कोविड हो जाए तो उसके शरीर पर काफी वक्त तक इसके साइड इफेक्ट्स दिखते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं लड़की या महिलाओं के पीरियड्स में भी गड़बड़ी दिखाई देती है. रिसर्चर ने बताया कि कोविड के बाद होने वाले पीरियड्स में मामूली से चेंजेज दिखते हैं उसके बाद अगले पीरियड्स (Periods) में ठीक हो जाते हैं. 


'ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी जर्नल' में पब्लिश इस रिसर्च के मुताबिक रिसर्चर ने यह देखने की कोशिश की कोरोनावायरस के बाद पीरियड्स और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर क्या असर पड़ता है. यह पता लगाने के लिए उन्होंने 110 देशों में 6,000 से अधिक व्यक्तियों के पीरियड्स का डेटा निकालने की कोशिश की जिसके आधार पर उन्होंने पता लगाया कि कोरोनावायरस का असर पीरियड्स साइकल पर भी पड़ता है.  


क्या कहता है रिसर्च?


रिसर्चर ने पाया कि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है उन्हें अगर कोविड हो गया तो उनके पीरियड्स साइकल पिछले महीने के तुलना में बढ़ गए है. यानि पिछले पीरियड्स के साइकल की लंबाई के औसत की तुलना में मासिक धर्म चक्र की लंबाई में औसतन 1.45 दिन की वृद्धि हुई है. यह रिपोर्ट उन लोगों की तुलना में काफी अलग थी जिन्होंने वैक्सीन ले लिया है. रिसर्चर ने पाया कि दोनों ग्रुपों के पीरियड्स साइकल में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं. 


इसके अलावा एक और बात जो सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली है वह यह है कि इम्यूनिटी और रिप्रोडक्टिव सिस्टम एक-दूसरे के प्रति उत्तरदायी होती है.  हालांकि ये रिजल्ट हैरान करने वाले नहीं है. उन्हें जनता के अनुभवों को मान्य करना चाहिए और आश्वस्त करना चाहिए कि यदि प्रवाह में परिवर्तन कोविड संक्रमण के दौरान या उसके बाद होता है, तो वे छोटे और अस्थायी होने की संभावना है. 'ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी' के प्रसूति एवं स्त्री रोग विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर ब्लेयर डार्नी ने कहा,'आपके मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन चिंताजनक और भयावह भी हो सकता है.


डार्नी ने कहा,'हम चाहते हैं कि यह शोध व्यक्तियों को आश्वस्त करे कि जनसंख्या स्तर पर, ये परिवर्तन आम तौर पर चिंता का कारण नहीं हैं. अगर किसी व्यक्ति के इम्युनिटी में गड़बड़ी होगी तो लाजमी है कि उसके पीरियड्स में गड़बड़ी होना ही है.  लेकिन क्योंकि व्यक्ति स्वाभाविक रूप से मासिक धर्म चक्र की अवधि और रक्तस्राव के पैटर्न में भिन्नता का अनुभव करते हैं, शोधकर्ताओं का कहना है कि एकमात्र कारण के रूप में कोविड को अलग करना चुनौतीपूर्ण है. साथ ही रिसर्चर ने यह भी कहा कि जिन महिलाओं या लड़कियों के पीरियड्स में काफी ज्यादा बदलाव दिखाई देते हैं उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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