कोरोनावायरस भारत में कहर बनकर बरपा. घर-घर में लोग वायरस की चपेट में आए. खांसी, बुखार, जुखाम और चेहरे पर मास्क, यही सब कुछ  2 साल तक इस देश में देखने को मिला. डेल्टा वेरिएंट ने तो लोगों के परिवार तक उजाड़ दिए. इस वायरस की चपेट में आकर काफी संख्या में लोगों की मौत हुई. वायरस का असर आम आदमी की लाइफ पर इस कदर हुआ है कि उसके जीने का नजरिया ही बदल गया है. लोगों ने खुद में जीना शुरू कर दिया. हाल में इसको लेकर ऐसे ही 5 पॉइंट पर स्टडी की गई.  जिनमें चार बिंदुओं पर ह्यूमन बिहेवियर बिल्कुल चेंज नजर आया. लोग जहां पहले खुलकर मिलते थे, हंसते बोलते थे, खुले आसमान के नीचे बैठकर बात करते थे. इस वायरस की दुनिया में एंट्री के बाद यही सब बदल गया. रिसर्च में और क्या-क्या सामने आया इसी पर बात करते हैं.


7000 लोगों पर 5 प्वाइंट पर हुई स्टडी
यह स्टडी अमेरिका में की गई. इसमें 7000 से अधिक लोगों ने पार्टिसिपेट किया. पार्टिसिपेंट करने वालों की न्यूनतम उम्र 18 और अधिकतम 109 वर्ष थी इसमें देखा गया कि वर्ष 2022 में कोरोना की अर्ली पांडेमिक स्थिति और वर्ष 2021 व 2022 में पांडेमिक में लोगों की साइक्लोजिकल कंडीशन क्या थी? यह रिसर्च 5 बिंदुओं पर की गई. इनमें एक्सट्रोवर्ट बनाम इंट्रोवर्ट, सहमति बनाम विरोध, ड्यूटी के प्रति निष्ठा बनाम दिशाहीनता, एंग्जायटी बनाम भावनात्मक स्थिरता, खुलापन बनाम खुले पन का अभाव शामिल किए गए.


इन 4 प्वाइंट पर मिले बदलाव
रिसर्च में सामने आया कि वर्ष 2020 pre pandemic स्थिति में बहुत अधिक बदलाव नहीं आए थे. लेकिन 2021 और 2022 में बहुत ज्यादा बदलाव लोगों में देखने को मिला. इनमें जो चार बिंदुओं में कमी आई. उनमें सहमति दिशाहीनता, एक्सट्रोवर्ट होना और खुले पन में कमी साफ तौर पर देखने को मिली. विशेष बात यह रही जो कम उम्र के व्यस्क थे. उनको कोविड-19 ज्यादा इफेक्ट किया. स्टडी करने वालों ने पाया कि सोशल एंजायटी की वजह से यह स्थिति बनी है, क्योंकि 2 साल पहले से लोग सोसाइटी में घूमते मिलते थे, बैठे होते थे. कोविड की वजह से यह सभी चीजें मिसिंग हो गई.


हेल्थ कोंसियस हुए लोग
कोरोना का एक पॉजिटिव पहलू भी सामने आया है. काफी संख्या में लोग पेंडेमिक पीरियड में हेल्थ कोंसियस भी हो गए. उन्होंने साइक्लोजिकल इमोशनल और बौद्धिक ग्रोथ शुरू कर दी. इसके लिए नई हॉबीज भी लोगों में पैदा हुई. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोनावायरस ने लोगों को जीने की एक नई दिशा दी है. अपने स्वास्थ्य के प्रति अलर्ट होना बेहतर खानपान और खराब लाइफस्टाइल को सुधार कर कोरोना कैसे वायरस से लड़ा जा सकता है.


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