Omicron Sub-Variant BF.7: चीन में कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में रोजाना लोग संक्रमित हो रहे हैं. मौत के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. चीन में खराब होते हालात के बीच भारत भी सतर्क हो गया है और किसी भी खतरनाक स्थिति से बचने के लिए पहले से ही वे सारे उपाय करने में जुट गया है, जिससे कोविड को देश में फैलने से रोका जा सके. एक ओर जहां चीन में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है तो दूसरी ओर भारत में हालात अबी काबू में है. अब सवाल उठता है कि भारत पर ओमिक्रॉन के BF.7 वेरिएंट का प्रभाव चीन जितना गंभीर क्यों नहीं है? 


BF.7 ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट है, क्योंकि ओमिक्रॉन कोरोना का एक वेरिएंट है, जिसने तीसरी लहर के दौरान भारत में जमकर तबाही मचाई थी. BF.7 ही वो सब-वेरिएंट है, जो इस समय चीन में कहर बरपा रहा है. पिछले तीन महीनों के दौरान भारत में भी इस वेरिएंट के चार मामले सामने आए हैं. भारत की वर्तमान कोविड स्थिति को देखते हुए फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है. टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के डायरेक्ट डॉ. राकेश मिश्रा ने इस वेरिएंट को लेकर लोगों में उभर रही आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया है. 


उन्होंने कहा कि भारत के लिए ये वेरिएंट उतना ज्यादा खतरनाक नहीं हो सकता है जितना कि चीन के लिए है. डॉ मिश्रा ने दो ऐसे कारणों के बारे में बताया है, जिनके आधार पर यह माना जा सकता है कि भारत में BF.7 वेरिएंट गंभीर स्थिति पैदा नहीं करेगा, बशर्ते हम ढिलाई न बरतें. 


1. भारत पहले ही ओमिक्रॉन वेव से गुजर चुका है


चीन ने अपनी सख्त 'जीरो कोविड पॉलिसी' के चलते कोविड की भयंकर लहरों का सामना नहीं किया, जो भारत ने किया है. भारत ने कोरोना महामारी के दौरान तीन लहरों का दंश झेला है. यही वजह है कि भारत में अब लोग इम्यून हो चुके हैं. कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने जनवरी 2022 में कई लोगों को अपनी चपेट में लिया था, जिसकी वजह से इसके खिलाफ नेचुरल इम्यूनिटी अब लोगों में डेवलप हो चुकी है. डॉ मिश्रा ने समझाया कि भारत में अधिकांश लोग ओमिक्रॉन की लहर से गुजर चुके हैं, इसलिए हमें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. 


2. चीन की तुलना में भारत का वैक्सीनेशन कवरेज ज्यादा


भारत पर ओमिक्रॉन के BF.7 वेरिएंट का प्रभाव चीन जितना गंभीर इसलिए भी नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसका कोरोना वैक्सीनेशन कवरेज चीन से काफी ज्यादा है. भारत में बड़ी संख्या में लोग कोरोना वैक्सीनेटेड हैं. जनवरी 2021 में वैक्सीनेशन ड्राइव के स्टार्ट होने के बाद से भारत ने अब तक 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज़ लोगों को दे दी है. इसमें पहली, दूसरी और बूस्टर डोज़ शामिल हैं. देश में 98 प्रतिशत वयस्कों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगी है, जबकि 90 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं. चीन का वैक्सीनेसन कवरेज कम रहा है, खासकर बुजुर्गों की आबादी में. यही वजह है कि चीन की बुजुर्ग आबादी युवाओं की तुलना में ज्यादा संक्रमित और प्रबावित हो रही है.


ये भी पढ़ें: Covid: BF.7 वेरिएंट बनेगा भारत में कोरोना की 'चौथी लहर' का कारण? जानें कैसे हैं हालात?