Omicron BF.7 Variant: कोरोना के बढ़ने मामलों का दंश झेल रहे चीन में हालात दिन-ब-दिन बेकाबू होते जा रहे हैं. रोजाना सैकड़ों लोगों कोविड-19 के BF.7 वेरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है चीन में संक्रमण की वजह से रोजाना हजारों लोगों की मौत भी हो रही है. BF.7 वेरिएंट न सिर्फ चीन में बल्कि कई और देशों में भी चिंता का सबब बना हुआ है. यह वेरिएंट इतनी तेजी से फैल रहा है कि लोग यह तक नहीं समझ पा रहे कि वे कब और कैसे इस वायरस के संपर्क में आ गए. भारत में भी इस वेरिएंट के चार मामले सामने आए हैं. हालांकि स्थिति चीन से लाख गुना बेहतर है. अब सवाल है कि आखिर कब तक? क्या BF.7 वेरिएंट भारत में चौथी लहर के आने का कारण बनेगा? क्या भारतीयों को डरने की जरूरत है? 


कोरोना महामारी के दौरान जब दुनिया के कई देशों में संक्रमण तेजी से फैल रहा था, तब चीन ने 'जीरो कोविड पॉलिसी' के तहत मामलों को कंट्रोल में किया हुआ था. वहां हालात काफी हद तक नियंत्रण में थे, लेकिन वहीं कई देशों में कोरोना कहर बनकर टूट रहा था. हालांकि अब चीन में BF.7 वेरिएंट की दस्तक ने कई देशों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. भारत के लिए भी यह बड़ी चिंता की बात है. लेकिन एक्सपर्ट कहते हैं कि BF.7 वेरिएंट भारत के लिए फिलहाल 'टेंशन' वाली बात नहीं है. हालांकि संभावना है कि आने वाले दिनों में केस बढ़ते हुए देखने को मिले, लेकिन ये स्थिति उतनी खतरनाक साबित नहीं होगी जितनी कि चीन में देखने को मिल रही है. कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भारत में चौथी लहर का खतरा नहीं है.


भारत में चौथी लहर का खतरा क्यों नहीं?


1. दरअसल भारत ने कोरोना की तीन भयंकर लहरों का सामना किया है. लाखों भारतीय लोग अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं और उन्होंने उसका प्रभाव झेल लिया है, जिससे उनका इम्यून सिस्टम अब कोरोना के मामले में काफी मजबूत हो गया है. जबकि चीन ने अपनी 'जीरो कोविड पॉलिसी' की वजह से भारत की तरह कोरोना की भयावह लहरों का सामना नहीं किया. यही वजह है कि वहां के लोगों की इम्यूनिटी कोरोना को डाइजेस्ट नहीं कर पा रही है.


2. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर भारतीयों के पास अब हाईब्रिड इम्युनिटी है. यानी उन्होंने वैक्सीनेशन के जरिए इम्युनिटी हासिल कर ली है. BF.7 ओमिक्रॉन का एक सब-वेरिएंट है, जिसके लक्षण भी कोरोना के बाकी वेरिएंट के समान हैं. एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारत में तीसरी लहर में ज्यादातर ओमिक्रॉन के मामले देखे गए और आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस वायरस के खिलाफ इम्यूनाइज हो गया है.


3. भारत की जनसंख्या का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा वैक्सीनेटेड है. जबकि दोनों डोज़ लेने वालों का प्रतिशत 88 है. पात्र आबादी के एक बड़े वर्ग को तीसरी डोज़ भी मिली है. जबकि चीन की आबादी अभी पूरी तरह से संक्रमण के संपर्क में नहीं आई थी. चीनी अधिकारियों ने बुजुर्गों का वैक्सीनेशन करके समय का सदुपयोग तक नहीं किया. लिहाजा वहां तेजी से लोग वायरस के संपर्क में आ रहे हैं, खासकर बुजुर्ग आबादी. हालांकि भारत में वैक्सीनेसन कवरेज बहुत ज्यादा है, इसलिए चौथी लहर का फिलहाल कोई खतरा इसपर नहीं मंडरा रहा है.


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