इंसानों के शरीर में दो तरह के फैट अच्छे और खराब पाए जाते हैं. अब, वैज्ञानिकों ने ब्राउन फैट के बारे में हैरतअंगेज खुलासा किया है. न्यूयॉर्क में रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया है कि ब्राउट फैट कैसे सेहत के लिए मुफीद है. ब्राउन फैट को ब्राउन एडिपोज टिश्यू भी कहा जाता है. इसका मुख्य काम खाए जानेवाले आहार को शारीरिक गर्मी में बदलना है. बहुत ज्यादा ठंड लगने पर ब्राउन फैट आपके शरीर का तापमान बनाए रखने में मदद करती है जबकि व्हाइट फैट कैलोरी को स्टोर करती है.


ब्राउन फैट क्रोनिक बीमारियों से बचाने में मददगार


शोधकर्ताओं ने ब्राउन फैट वाले लोगों में असामान्य रूप से उच्च कोलेस्ट्रॉल 14 फीसद कम पाया. इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज बढ़ने का आधा खतरा कम हो गया. साथ ही, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, हाई ब्लड प्रेशर और कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा भी घट गया. शरीर की गर्मी पैदा करते वक्त ठंडे तापमान से सक्रिय होकर ब्राउन फैट जल जाती है. ये आम तौर से गर्दन और ऊपरी पीठ के अलावा किडनी और स्पाइनल कोर्ड के आसपास पाई जाती है. उसकी कमी को व्यायाम, प्रयाप्त नींद और खुद को ठंड के संपर्क में लाकर पूरा किया जा सकता है.


इंसानी शरीर में पाए जाते हैं ब्राउन और व्हाइट फैट


ब्राउन फैट व्हाइट फैट या व्हाइट एडिपोज टिश्यू से बिल्कुल अलग होती है. नेचर मेडिसीन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने 52 हजार मरीजों के पीईटी स्कैन देखा. उन्होंने मरीजों के दो ग्रुप की स्थितियों की तुलना कर नतीजा निकाला. इस दौरान उन्होंने पाया कि ब्राउन फैट वाले लोगों को कार्डिअक और मेटाबोलिक समस्याओं से कम जूझना पड़ा. इसका मतलब हुआ कि जिन लोगों में ब्राउन फैट बहुत कम थी और स्कैन में नजर नहीं आई, उनमें से 9.5 फीसद लोगों को टाइप 2 डायबिटीज थी जबकि जिनके स्कैन में ब्राउन फैट नजर आ रही थी, उनमें सिर्फ 4.6 फीसद लोगों को टाइप 2 डायबिटीज का पता चला. इसके अलावा, जिन लोगों में ब्राउन फैट का पता नहीं चला, उनमें 22.2 फीसद लोगों को असमान्य कोलेस्ट्रोल था जबकि ब्राउन फैट वाले लोगों में 18.9 फीसद असमान्य कोलेस्ट्रोल पाया गया.


रॉकफेलर यूनिवर्सिटी अस्पताल के शोधकर्ता डॉक्टर पॉल कोहेन ने कहा, "पहली बार खास स्थितियों के कम खतरे के बीच संबंध का खुलासा हुआ है." उन्होंने बताया कि अब इस संभावना पर विचार किया जा रहा है कि ब्राउन फैट टिश्यू ग्लूकोज खपाने और कैलोरी जलाने से ज्यादा काम करती है और शायद वास्तव में हार्मोन को अन्य अंगों तक सिग्नल देने में भागीदार बनती है. भविष्य में परीक्षण के लिए शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि रिसर्च से समझा जा सकेगा कि क्यों कुछ लोगों में अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा ब्राउन फैट होता है.


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