Corona Virus: कोरोना ने पूरे देश में कहर बरपाया. हर घर में कोरोना के केस देखने को मिले. कोविड के दौरान आये डेल्टा वेरिएंट के कारण हजारों लोगों की जान चली गई. कोविड ने लोगों को अकेला रहना सिखा दिया. इसका दुष्प्रभाव यह रहा कि लोग मानसिक रोगों की चपेट में आ गए. लेकिन इस वायरस का खतरनाक पहलू यह सामने आया है कि इसका बहुत खराब प्रभाव बच्चों पर देखने की मिला है. इस वायरस के कारण बच्चों की कम्युनिकेशन स्किल(बातचीत करने की क्षमता) तक प्रभावित हो गई.


रिसर्चर्स ने देखा, क्या हो सकती है दिक्कत
डॉक्टर और शोधकर्ताओं ने बच्चे में न्यूरोडेवलपमेंटल स्थिति समेत मातृ-भ्रूण स्वास्थ्य पर कोविड 19 के प्रभाव को देखा. कोविड के कारण बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंटल डिश ऑर्डर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, बौद्धिक विकलांगता और कन्सन्ट्रेशन न होना,  अतिसक्रियता एक्टिविटीज जैसी कई दिक्कतें सामने आईं. इस संबंध में 28 अक्टूबर को जामा नेटवर्क ओपन में एक स्टडी पबिल्श हुई. इसी में बच्चों में कोविड 19 के दौरान हुए बदलाव सामने आए.


419 बच्चों पर हुई स्टडी
स्टडी 419 शिशुओं पर की गई. स्टडी में सामने आया कि COVID-19 महामारी के दौरान जिन 7% शिशुओं की न्यूरोडेवलपमेंटल स्क्रीनिंग हुई थी. उनमें न्यूरोडेवलपमेंटल इम्पेयरमेंट का खतरा था. इसके अलावा, SARS-CoV-2 की वजह से गर्भ  अवधि में होने वाले नुकसान में से 12% लोगों में न्यूरोडेवलपमेंटल होने की संभावना थी. शोधकर्ताओं ने पाया कि COVID-19 कम्युनिकेशन स्किल में परेशानी बढ़ गई.


परेशानी की ये रही वजह
शोधकर्ताओं ने पाया कि बच्चों में कम्युनिकेशन न होने की मुख्य वजह यह रही कि छोटे बच्चे इस दौरान किसी के संपर्क में ही नहीं आ पाए. संपर्क में न आने की वजह से ही बच्चे अपने कम्युनिकेशन का दायरा नहीं बढ़ा पाए. इसी कारण बच्चों में बोलने की क्षमता सही ढंग से विकसित नहीं हो पाई. 


घबराने की जरूरत नहीं
इस स्टडी से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चों की यदि कम्युनिकेशन स्किल कम है तो घबराने की जरूरत नहीं है. ना ही माता-पिता को घबराने की जरूरत है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम उम्र में बच्चे का दिमाग उतना डेवलप नहीं होता है. इसी कारण महामारी से पैदा हुई दिक्कतों के बावजूद माता-पिता अपने बच्चों की मदद करने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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