Bat Corona Virus : चीन का नया बैट कोरोना वायरस दुनिया के लिए टेंशन बन गया है. इस वायरस के मिलते ही बाकी देश अलर्ट हो गए हैं. खासकर चीन के पड़ोसी देश ज्यादा एक्टिव नजर आ रहे हैं. HKU5-CoV-2 नाम का यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है. यह उन कोशिकाओं में पहुंचकर सेहत को प्रभावित कर सकता है, जिनका इस्तेमाल SARS-CoV-2 करता था, जो Covid-19 का कारण था. ऐसे में आइए जानते हैं क्या चीन में मिला नया वायरस (new virus in China) भारत भी पहुंच सकता है. यह शरीर के किन अंगों पर सबसे पहले अटैक करता है, इसके क्या-क्या लक्षण हैं...
HKU5-CoV-2 क्या है
चीन के चमगादड़ों से HKU5-CoV-2 वायरस की पहचान हुई है. यह वायरस MERS कोरोना वायरस फैमिली से जुड़ा है, लेकिन इसे लेकर अभी तक यह साफ नहीं है कि यह इंसानों के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी जानवरों से इंसानों में पहुंचने को लेकर अभी शोध किया जाना बाकी है.
यह भी पढ़ें : 6 महीने में घटाया 55Kg वजन, जानें शहनाज़ गिल ने कैसे किया ये कमाल
HKU5-CoV-2 वायरस कैसे फैलता है
HKU5-CoV-2 में फ्यूरिन क्लिवेज साइट नाम की एक विशेषता पाई गई है, जिससे यह ACE2 प्रोटीन के माध्यम से कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है. ठीक यही तरीका SARS-CoV-2 से भी अपनाया गया था, जिससे कोरोना वायरस महामारी फैली थी.
सबसे पहले किस अंग पर अटैक करता है बैट वायरस
साइंटिस्ट्स ने टेस्ट ट्यूब और ह्यूमन सेल्स मॉडल्स पर टेस्ट किया. जिससे पता चला कि यह वायरस उन कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है, जिनमें ACE2 प्रोटीन ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है. जैसे आंत और श्वसन तंत्र (Respiratory System) की कोशिकाएं.
बैट वायरस के लक्षण
HKU5-CoV-2 यानी बैट वायरस से इंसानों के संक्रमित होने का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है, इसलिए इसके लक्षण की जानकारी नहीं है. लेकिन चूंकि यह MERS और COVID-19 की तरह ही है, इसलिए यह उसी तरह सांस से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है. इसकी वजह से बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कतें, गला खराब होना, थकान और शरीर में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
यह भी पढ़ें : हेल्थ एक गलती और बीमार हो सकता है आपका बच्चा, गोद में ले रहे हैं तो रखें इन बातों का ध्यान
क्या भारत भी पहुंच सकता है बैट वायरस
वैज्ञानिकों का कहना है कि HKU5-CoV-2 की मानव कोशिकाओं में पहुंचने की क्षमता SARS-CoV-2 से काफी कम है. जिसका मतलब है कि यह वायरस आसानी से इंसानों में नहीं फैल सकता है.
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के संक्रमण रोग विशेषज्ञ माइकल ओस्टरहोम का कहना है कि इस वायरस को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसे जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है. आज के समय में SARS जैसे वायरस के खिलाफ आबादी में पहले से ही काफी हद तक इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है, जिससे इसकी महामारी बनने की आशंका कम हो जाती है. इसलिए इस वायरस से तुरंत खतरे से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन इस पर नजर रखना होगा.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
यह भी पढ़ें: 'मुझे जीना ही नहीं है अब...' दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी