Anxiety In Young Children: आजकल बच्चों में भी तनाव और एंग्जाइटी के मामले बढ़ रहे हैं. कई बार बच्चों पर सही से ध्यान नहीं देने पर बच्चे तनाव और डिप्रेशन में चले जाते हैं. बच्चों के स्वभाव में उम्र के हिसाब से कई बदलाव आते हैं. कई बार बच्चे पढ़ाई या किसी दूसरी वजह से इतने तनाव में रहने लगते हैं कि धीरे-धीरे वो डिप्रेशन में चले जाते हैं. इससे बच्चों का व्यवहार, सेहत और पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है. बच्चों में एंजाइटी होने पर उनके बर्ताव और स्वभाव में काफी परिवर्तन आता है. ऐसे बच्चे चिड़चिड़े या जरूरत से ज्यादा शांत हो जाते हैं. कहीं आपके बच्चे में भी तो नहीं हैं एंग्जाइटी के लक्षण. 


बच्चों में एंजाइटी के लक्षण



  • पढ़ाई और दूसरे कामों में एकाग्रता की कमी

  • नींद न आना या नींद में बुरे सपने देखना

  • भूख में कमी और वजन घटना

  • दिनभर चिड़चिड़ा स्वभाव बने रहना

  • छोटी-छोटी बातों पर बहुत गुस्सा करना

  • नकारात्मक विचारों से घिरे रहना

  • परेशान और बेचैन रहना

  • बात-बात पर रोना 

  • बीमार जैसा महसूस करना

  • पेट और सिर में दर्द रहना 


बच्चों में एंजाइटी के कारण 
1- बच्चों का स्वभाव अलग-अलग होता है, लेकिन जो बच्चे कमजोर और तनाव को ठीस से हैंडल नहीं कर राते हैं वो लंबे समय बाद डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं.
2- अगर बच्चा किसी गंभीर बीमारी से परेशान हैं या कोई हादसा उसके साथ हुआ है तो एंग्जाइटी हो सकती है. 
3- कई बार बच्चों के साथ स्कूल, परिवार या दोस्त बुरा व्यवहार करते हैं जिससे बच्चे एंजाइटी का शिकार हो सकते हैं.
4- परिवार में किसी अपने बहुत खास की मौत या दोस्त के साथ हुए किसी हादसे के बाद सदमा लग सकता है. 
5- परिवार में लड़ाई-झगड़ा रहे. घर का माहौल ठीक ना हो तो एंग्जायटी हो सकती है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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