Causes Of Malnutrition: बच्चे के जन्म के बाद शुरु के 6 महीने तक उसे सिर्फ मां का दूध दिया जाना चाहिए. इससे बच्चे की इम्यूनिटी (Immunity) मजबूत बनती है और बीमारियां दूर रहती हैं. जब बच्चा 6 महीने का हो जाए तो उसे धीरे-धीरे ठोस आहार पर लाया जाता है. इस समय बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में तेजी आती है ऐसे में सही पोषण देना जरूरी है. अगर इस वक्त बच्चे की डाइट (Diet) पर ध्यान न दिया जाए तो बच्चे में पोषण और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. शरीर में लंबे समय तक विटामिन (Vitamins) और मिनरल्स (Minerals) की कमी होने पर बच्चा कुपोषित (Malnutrition In Children) भी हो सकता है. अगर आपका बच्चा जरूरत से ज्यादा पतला है और जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहा है तो ये कुपोषण के लक्षण (Malnutrition Symptoms) भी हो सकते हैं. ऐसे में आपको इस ओर भी ध्यान देना जरूरी है. जानिए बच्चों में कुपोषण के शुरुआती लक्षण क्या हैं?


बच्चों में कुपोषण के लक्षण (Malnutrition Symptopms In Child)
कुपोषण होने पर बच्चे के शरीर में पोषण की कमी होने लगती है. इससे वजन तेजी से कम होता है. बच्चे का वजन 3 से 6 महीने के अंदर शरीर के वजन से 5-10% से अधिक कम हो जाता है. ऐसे में बच्चे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. अगर आप समय रहते इसके लक्षणों के बारे में जान लेगें तो ये आपके बच्चे के लिए बेहतर होगा. बच्चे में कुपोषण के ये लक्षण दिखते हैं.



  • मांसपेशियों का कमजोर होना

  • हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना

  • बार-बार सर्दी जुकाम से परेशान होना

  • भूख में कमी और खाने में अरुचि पैदा होना

  • स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना

  • लंबाई और वजन कम बढ़ना

  • बच्चे को पेट से जुड़ी समस्या रहना

  • पेट और छाती निकलना

  • हाथ पैर कमजोर और पतले होना 


बच्चों में कुपोषण खान-पान में गड़बड़ी की वजह से होता है. लंबे समय तक सही डाइट न मिलने पर शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है. ऐसा नहीं है कि गरीब लोगों में ही कुपोषण की समस्या होती है. कई बार आम घरों में भी बच्चों को बैलेंस डाइट नहीं मिलने की वजह से बच्चे में कुपोषण पैदा हो सकता है. ऐसे में आपको बच्चे के लक्षणों पर लगातार नज़र रखें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें:  Child Care: स्ट्रॉन्ग रहेंगी बच्चे की मसल्स, शुरुआत से ही ऐसी रखें उसकी लाइफस्टाइल