एनल कैंसर (Anal Cancer) नॉर्मल कैंसर से काफी अलग होता है क्योंकि यह गुदा में होता है. यह कैंसर एनस यानि गुदा में होता है इसलिए इसे एनल, एनस या गुदा कैंसर कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शरीर का वह हिस्सा जिससे मल त्यागते हैं उसे एनल या एनस कहा जाता है. अगर वक्त रहते ही इस कैंसर का पता चल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है. आमतौर पर गुदा कैंसर का जोखिम 60 साल की उम्र के बाद ज्यादा होता है. 35 की उम्र में आते-आते पुरुषों को इस बीमारी का जोखिम ज्यादा होता है तो वहीं महिलाओं में 50 के बाद इस बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है. 


एनल कैंसर के शुरुआती लक्षण होते हैं अजीब ध्यान दें


इंग्लिश पॉर्टल हेल्थलाइन में छपी खबर के मुताबिक गुदा कैंसर अगर एक बार किसी व्यक्ति में हो जाए तो फिर उसकी जान बचाना मुश्किल हो सकता है. यह कैंसर इसलिए भी दूसरे कैंसर से ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसके शुरआती लक्षण में ऐसा कुछ खास नहीं होता है कि आप ध्यान इसकी तरफ जाए. इसलिए शुरुआत में डॉक्टर्स भी इसका पता नहीं लगा पाते हैं.


जैसे-जैसे यह बीमारी गंभीर रूप में बदलती है इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. कई बार ऐसा होता है कि एनल कैंसर के लक्षण हो और लोग इसे बवासीर समझ रहे हैं. गुदा कैंसर के शुरुआती लक्षण में मल त्यागते वक्त दर्द होना, ब्लड निकलना, इसके साथ-साथ एनल में खुजली होना. या गुदा के आसपास गांठ बनना हो सकता है. इन सब के अलावा मल त्यागते वक्त परेशानी होना भी एनल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. एनल कैंसर के कारण कुछ भी हो सकता है लेकिन पेल्विक रेडिएशन थेरेपी भी एक मुख्य कारण है. जिसका उपयोग अन्य प्रकार के कैंसर जैसे रेक्टल, प्रोस्टेट या सर्वाइकल कैंसर के लिए किया जाता है. इस थेरेपी के कारण भी एनल कैंसर का खतरा बढ़ता है. 


क्या इस कैंसर का इलाज संभव है?


गुदा कैंसर का इलाज आमतौर पर सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी के जरिए किया जाता है. पीड़ित का कैंसर किस स्टेज पर पहुंचा हुआ है उसी आधार सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरेपी मरीज को दी जाएगी. जब कैंसर कीमोथेरेपी और रेडिएशन पर ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता है तो सर्जरी के जरिए इस कैंसर का इलाज किया जाता है. यदि आपको संदेह है कि आप गुदा कैंसर के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: 1 मिनट में 100 से ज्यादा बार धड़कता है आपका दिल, तो फिर इस गंभीर बीमारी ने दे दिया है सिग्नल...ऐसे करें बचाव