Happy Christmas 2021: आज 24 दिसंबर के दिन यानी क्रिसमस ईव (Christmas Eve) है. ऐसे में सभी घरों में इस क्रिसमस के त्योहार (Preparations of Christmas) की तैयारी बड़े जोरों शोरों से चल रही है. लोग क्रिसमस और नये साल (New Year 2022) के फेस्टिव मूड में आ चुके हैं. क्रिसमस  (Christmas) का नाम सुनते ही सेंटा क्लॉज, ढेर सारे गिफ्ट्स (Christmas Gifts), क्रिसमस ट्री (Christmas Tree) और केक (Christmas Cakes) का ख्याल सबसे पहले मन में आता है. लेकिन, क्या आपको पता है कि आखिर पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार क्यों मनाया जाता है? पहले क्रिसमस के त्योहार को ईसाई समुदाय प्रभु यीशु के जन्मदिन के रूप नहीं मनाता था. लेकिन, चौथी शताब्दी के आते-आते क्रिसमस को प्रभु यीशु के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने लगा.


इस तरह हुई 'क्रिसमस डे' की शुरुआत
यूरोप में कुछ गैर ईसाई समुदाय के लोगों ने 25 दिसंबर को सूर्य की दिशा चेंज होने वाला दिन के रूप में सेलिब्रेट करना शुरू किया. ईसाई मान्यताओं (Christian Community) के अनुसार, क्रिसमस के दिन ही प्रभु यीशु ने धरती पर जन्म लिया था. इनका जन्म जोसफ और मैरी के घर में हुआ था. ऐसे तो प्रभु यीशु को जन्म के ठीक समय और महीने की सटीक जानकारी नहीं है लेकिन, चौथी शताब्दी में ईसाई चर्चों ने 25 दिसंबर को क्रिसमस डे (Christmas Day) के रूप में मनाने की शुरुआत की. अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर 1870 में क्रिसमस के दिन हॉलिडे की शुरुआत की. इसके बाद से ही दुनियाभर के ईसाई इस खास दिन को प्रभु यीशु के जन्मदिन के रूप में सेलिब्रेट करते हैं.


क्रिसमस का त्योहार भारत समेत पूरी दुनिया में बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन सभी ईसाई समुदाय के लोग रात को 12 बजे चर्च में एक साथ मिलकर प्रभु यीशु की जन्मदिन मनाते हैं. उनका ऐसा मानना है कि भगवान ने धरती के मनुष्यों के पाप को खत्म करने और लोगों की रक्षा के लिए अपने बेटे को धरती पर भेजा था. इस मौके पर लोग सेंटा बनकर सभी को गिफ्ट्स बांटते हैं और घरों में क्रिसमस ट्री (Christmas Tree) सजाते हैं. इसके साथ ही लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर पूरे दिन को इंजॉय करते हैं.